प्याज की गिरती कीमतों को लेकर मंगलवार को महाराष्ट्र विधानमंडल में हंगामा हुआ। भारी हंगामे के कारण विधान परिषद की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित की दी गई, जबकि विधानसभा का कामकाज शुरू होते ही स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने यह मामला उठाया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आश्वस्त किया कि सरकार प्याज की खेती करने वाले किसानों के साथ है। सदन के बाहर महाविकास आघाड़ी के विधायक प्याज की टोकरी लेकर और माला पहनकर प्रदर्शन किया और सरकार के विरोध में नारेबाजी की।
ऊपरी सदन में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने यह मामला उठाया। इससे सदन में जोरदार हंगामा हुआ और पहले सदन की कार्यवाही दो बार के लिए स्थगित की गई और आखिरकार दिन भर के लिए कामकाज स्थगित कर दिया गया। विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव के जरिए नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने यह मामला उठाया। उनका कहना था कि किसान गंभीर संकट में हैं और सदन को उनके संकट पर चर्चा करने के लिए बाकी सब कुछ छोड़ देना चाहिए।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में कहा कि सरकार प्याज उत्पादक किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है। सरकार किसानों को न्याय दे रही है। सरकार प्रभावित किसानों को मापदंड की अपेक्षा अधिक मदद कर रही है। नाफेड से अतिरिक्त प्याज खरीदने का अनुरोध किया गया है, नाफेड ने प्याज की खरीद शुरू कर दी है। फिलहाल 2.38 लाख मीट्रिक टन प्याज की खरीद की जा चुकी है। जहां खरीदी केंद्र बंद है, वहां खरीदी शुरू की जाएगी।
इसके पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि हमने सरकार को पहले ही सूचित किया है कि कैसे सोलापुर के एक प्याज उत्पादक किसान को मात्र 2 रुपए का चेक मिला। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह एक बड़ा मजाक है और इस मामले में सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और नाफेड को प्याज की खरीद करने का आदेश देना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिया जाना चाहिए, क्योंकि महाराष्ट्र 33 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत का सबसे बड़ा प्याज का उत्पादन करने वाला राज्य है, और राज्य उत्पादित सब्जियों की अच्छी गुणवत्ता के कारण निर्यात में अग्रणी है।
अजित पवार ने कहा कि वर्तमान में प्याज की कीमत 500-600 रुपए प्रति क्विंटल है, जिससे किसान निराश है। इसके अलावा कपास, सोयाबीन, चना, अंगूर की खेती करने वालों को भी भारी नुकसान हो रहा है। राकांपा विधायक छगन भुजबल ने कहा कि प्याज की कीमत कम होने से किसान बेहद परेशान है। ऐसे में सरकार को प्याज के निर्यात में अधिक प्रोत्साहन देकर नाफेड के मार्फत प्याज की खरीदी शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को बांग्लादेश से अंगूर पर लगा कर को कम करने के लिए बातचीत करनी चाहिए।
प्याज की माला पहनकर पहुंचे विधायक: कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शिवसेना (यूबीटी) के गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) ने प्याज, कपास और सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों की दुर्दशा पर मंगलवार को विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। खरीद कीमतों में अचानक गिरावट के मद्देनजर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए विपक्षी नेताओं ने प्याज की माला पहनाकर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित किया। विधानसभा के बाहर विपक्षी विधायकों ने नारे लगाए। प्याज किसानों के समर्थन में तख्तियां और बैनर प्रदर्शित किए, और बुलढाणा में शांतिपूर्वक विरोध कर रहे किसानों की अंधाधुंध पिटाई की निंदा की। उन्होंने बताया कि कैसे एक किसान नेता रविकांत तुपकर ने किसानों की मांगें पूरी नहीं होने पर खुद को आत्मदाह करने की धमकी दी है। अमोल मिटकरी, भास्कर जाधव, छगन भुजबल, यशोमति ठाकुर और अन्य विपक्षी विधायकों ने बताया कि किसान भारी बारिश, फसल बीमा आदि में फसल के नुकसान के मुआवजे के लिए आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं दिया गया है। प्याज की कीमतों में धीरे-धीरे गिरावट के कारण, किसानों ने लासलगांव एपीएमसी में अपना आंदोलन शुरू कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप प्याज की नीलामी रुक गई।
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