ग्लोबल टेंडर पर बंगाल,राजस्थान की राह पर चला महाराष्ट्र,जानिए स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने क्या कहा? 

ग्लोबल टेंडर पर बंगाल,राजस्थान की राह पर चला महाराष्ट्र,जानिए स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने क्या कहा? 
मुंबई। पश्चिम बंगाल और राजस्थान की तरह महाराष्ट्र सरकार भी चाहती है कि वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर केंद्र सरकार द्वारा ही जारी किया जाये। इससे पहले पश्चिम बंगाल और राजस्थान सरकार ने कहा है कि राज्य वैक्सीन का पूरा खर्च उठाने को तैयार है, लेकिन, टेंडर केन्द्र सरकार ही जारी करे ताकि उसमें किसी तरह की समस्या नहीं आये। अब ऐसी ही मांग महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे की है। उन्होंने कहा, ”किसी भी टीका विनिर्माता की ओर से हमारी निविदा पर कोई जवाब नहीं आया। हमने स्पुतनिक-वी को ई-मेल भेजा है, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया है। राज्य का मत है कि केंद्र ही राज्य की ओर से निविदा निकाले और टीके खरीदे।’ यह बात मंगलवार को ब्लैक फंगस और कोविड-19 की समीक्षा बैठक के बाद कही।
महाराष्ट्र में म्यूकर माइकोसिस और कोविड-19 के मामलों पर समीक्षा बैठक के बाद महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र में म्यूकर माइकोसिस, जिसे ब्लैक फंगस भी कहा जाता है, के 2,245 मरीज हैं। उन्होंने कहा, ”राज्य ने म्यूकर माइकोसिस के उपचार के लिए एम्फोटरेसिन बी शीशियां खरीदने के लिए वैश्विक निविदा निकाली गई है। राज्य को एक जून से इस दवा की 60000 शीशियां मिलेंगी।
यह केंद्र द्वारा इस दवा की वर्तमान आवंटन से हटकर आपूर्ति होगी।” मंत्री ने कहा कि राज्य में ब्लैक फंगस के 2,245 मरीज हैं और उनमें से 1007 तो पहले से ही महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना (एमजेपीजेएवाई) के अंतर्गत आते हैं। उन्होंने कहा ” एमजेपीजेवाई के तहत म्यूकर माइकोसिस के मरीजों का उपचार का पूरा खर्च माफ होगा। इसमें दवा की कीमत भी शामिल है। राज्य सरकार म्यूकर माइकोसिस के उन मरीजों के उपचार के शुल्क की सीमा भी तय करने का प्रयास कर रही है, जो निजी अस्पतालों में भर्ती हैं।”
वहीं,ग्लोबल टेंडर के बारे उन्होंने कहा, ”किसी भी टीका विनिर्माता की ओर से हमारी निविदा पर कोई जवाब नहीं आया। हमने स्पुतनिक-वी को ई-मेल भेजा है, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया है। राज्य का मत है कि केंद्र ही राज्य की ओर से निविदा निकाले और टीके खरीदे।”बता दें की कुछ दिन पहले राजस्थान और बंगाल सरकार ने भी कहा था कि राज्य वैक्सीन का खर्च उठाएगा लेकिन, ग्लोबल टेंडर केंद्र सरकार द्वारा की जारी किया जाये। ऐसा नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही गई थी।
Exit mobile version