मुंबई, महाराष्ट्र के सत्तधारी नेताओं के दावों के उलट केंद्र सरकार ने बांबे हाईकोर्ट में कहा है कि महाराष्ट्र को समय से पहले कोरोनारोधी टीके दिए गए हैं। जिनता देना तय हुआ था उससे अधिक वैक्सीन दिए गए वह भी तय समय सीमा से पहले। टीके की किल्लत को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई को लेकर केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर यह जानकारी दी है। केंद्र सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि उसने महाराष्ट्र को समय से पहले कोविड रोधी टीके के डोज उपलब्ध कराए हैं। केंद्र की ओर से महाराष्ट्र को अगस्त माह में 91.81 लाख टीकों की आपूर्ति की गई है। जबकि इस महीने यहां के लिए 86.74 लाख डोज उपलब्ध कराना तय था।
पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया था कि कोरोना का टीका लेने के बाद लोगों को जो प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है, उसमें गलतियां दिखाई दे रही हैं। यह गलतियां नाम व टीके की तारीख से जुड़ी हुई हैं। इस बात को जानने के बाद मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने केंद्र सरकार से इस बारे में जवाब मांगा था। इसके तहत केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारी की ओर से दायर किए गए हलफनामे के मुताबिक महाराष्ट्र को अगस्त माह में कोरोना के टीके की 86 लाख 74 हजार 540 डोज मिलनी थी लेकिन केंद्र की ओर से महाराष्ट्र को अगस्त महीने में टीके 91 लाख 81 हजार 790 डोज उपलब्ध कराए गए है। जिसमें 76 लाख 86 हजार 250 कोविशिल्ड जबकि 14 लाख 95 हजार 540 कोवैक्सीन टीका है। केंद्र की ओर से उपलब्ध कराए गए टीके की यह स्थिति 25 अगस्त 2021 तक की है। ये सारे टीके महाराष्ट्र में समय से पहले पहुंचे हैं।
हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि वह टीका निर्माताओं से 75 प्रतिशत टीके खरीद रही है। जिसे सरकार देश के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को जनसंख्या व कोविड मरीजे की स्थिति का आकलन कर निशुल्क दे रही है। निजी अस्पतालों को निर्माताओं को अपने सिर्फ 25 प्रतिशत टीके देने की अनुमति दी गई है। टीका प्रमाणपत्र में गलतियों को सुधराने के लिए कोविन एप में व्यवस्था बनाने की प्रक्रिया जारी है। जल्द ही यह व्यवस्था आम लोगों को उपलब्ध करा दी जाएगी। केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देश तहत हलफनामा दायर कर अदालत को यह जानकारी दी है।