मोहर्रम पर नहीं निकाल सकेंगे जुलूस

महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग ने कोरोना संकट के चलते कहा कि घर में ही मातम मनाए

मोहर्रम पर नहीं निकाल सकेंगे जुलूस

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मुंबई। महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग ने इस साल मोहर्रम पर मातमी जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी है। कोरोना संकट के चलते सरकार ने कहा है कि घर में ही मातम मनाए। हाउसिंग सोसायटियों में भी इस पर मनाही होगी। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने कई तरह की पाबंदियां लगा रखी है।
हालांकि, अब धीरे-धीरे इसमें छूट दी जा रही है। सोमवार को राज्य के गृह विभाग की तरफ से जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि मोहर्रम के दौरान (18 और 19 अगस्त ) कत्ल की रात और योम-ए-आशुरा के निमित्त मातम जुलूस निकाला जाता है, लेकिन सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों पर पाबंदी के चलते जुलूस नहीं निकाला जा सकेगा। गाइडलाइन में कहा गया कि अन्य धार्मिक समारोह की तरह मोहर्रम का मातम अपने घर पर मनाया जाए। सोसाइटी में एक साथ मिलकर मातम नहीं मनाया जाना चाहिए।
नियमों का पालन कर मजलिस का आयोजन ऑनलाइन किया जाना चाहिए। ताजिया भी नहीं निकाले जाने चाहिए। साबिल/छबील बांधने के लिए स्थानीय प्रशासन की अनुमति ली जाए। बता दें कि शिया मुस्लिम समुदाय कर्बला के मैदान में शहीद किए गए हजरत इमाम हुसैन इब्न अली की शहदात पर ग़म मनाते हैं। कर्बला का मैदान इराक का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। हुसैन इब्न अली ने यज़ीद की सेना का अंत तक मुकाबला किया था। आशूरा के दिन हुसैन के बहादुर बलिदान को याद किया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन (आशूरा) मूसा और उनके अनुयायियों ने मिस्र के फिरौन पर फतह हासिल की थी।

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