मालेगांव बम विस्फोट मामले में एक और गवाह अपने बयान से पलट गया और उसने अदालत में दावा किया कि उसे इस मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं का नाम लेने के लिए मजबूर किया गया था। इससे पहले भी इस मामले में यह 17वां गवाह है जो अपने बयान से पलटा है।
एएनआई ने बताया कि गवाह ने अदालत को बताया कि आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने उसका अपहरण कर लिया था और उसे तीन-चार दिनों तक अवैध हिरासत में रखा था। मालेगांव बम विस्फोट मामले में अब तक 220 गवाहों से पूछताछ हो चुकी है, जिनमें से 17 गवाह अपने बयान से पलट चुके हैं।
बता दें कि हाल ही में 15 वां गवाह ने भी अपने बयान से पलटते हुए दावा किया था कि उसे एटीएस ने जबरदस्ती उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और चार अन्य आरएसएस नेताओं के नाम लेने को कहा था।
जिसके बाद आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कांग्रेस नेताओं से माफी मांगने की मांग की थी। 29 सितंबर 2008 में नासिक के मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर एक विस्फोट हो गया था जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 लोग घायल हो गए थे। इस मामले की जांच मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने एटीएस के अतिरिक्त आयुक्त के रूप में की थी।
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