नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) द्वारा मिलकर चलाए जा रहे Mars Sample Return मिशन को अब अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। यह मिशन Perseverance रोवर द्वारा मंगल ग्रह से इकट्ठा किए गए चट्टान और मिट्टी के नमूनों को पृथ्वी पर लाकर वैज्ञानिक अध्ययन के लिए उपलब्ध कराना चाहता है।
हालांकि, मिशन की बढ़ती लागत और समयबद्धता में देरी के कारण इसकी स्थिरता खतरे में है। ESA के निदेशक जनरल (DG) ने बताया कि अमेरिका में अभी तक नासा के बजट का अंतिम निर्णय नहीं हुआ है और इससे मिशन रद्द होने की संभावना बढ़ गई है।
DG ने कहा कि मिशन में यूरोप का योगदान, विशेष रूप से Earth Return Orbiter, पुनर्विचाराधीन है और इसके वैकल्पिक उपयोगों पर विचार किया जा रहा है। इसके बावजूद, ESA मंगल अन्वेषण में अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखे हुए है, चाहे नासा का निर्णय कुछ भी हो।
ESA DG ने Rosalind Franklin रोवर मिशन का भी उल्लेख किया, जिसे 2028 में लॉन्च किया जाएगा। यह मिशन मंगल की सतह के नीचे जाकर संभावित जीवन के संकेत खोजेगा और यूरोप के एस्ट्रोबायोलॉजी योगदान का मुख्य स्तंभ होगा।
इस मिशन के लिए लॉन्च अमेरिका से होगा, लेकिन मुख्य वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचार यूरोपीय तकनीक द्वारा संचालित होंगे। इससे ESA की मंगल अनुसंधान में नेतृत्व क्षमता का संकेत मिलता है।
मिशन की अनिश्चितता यह दिखाती है कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष परियोजनाओं में राजनीतिक और वित्तीय वास्तविकताओं का बड़ा प्रभाव होता है। हालांकि, यूरोपीय अंतरिक्ष अधिकारी मंगल अन्वेषण और जैव-संकेत खोज में अपनी भूमिका को लेकर आशावादी बने हुए हैं। जैसे ही नासा आने वाले महीनों में अपने बजट का अंतिम निर्णय लेगा, वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय इस महत्वपूर्ण मिशन के भविष्य पर नजर बनाए हुए है। वहीं, रोजीलैंड फ्रैंकलिन मिशन अपनी गति बनाए हुए है और मंगल की रहस्यमय दुनिया को खोलने की यूरोप की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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