उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बड़े और खतरनाक धर्मांतरण सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है, जिसकी कार्यप्रणाली आतंकी संगठन ISIS से प्रेरित बताई जा रही है। यह नेटवर्क न केवल अवैध धर्मांतरण, बल्कि युवतियों के कट्टरपंथी बनाने और विदेशी फंडिंग से भी जुड़ा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में देश के छह राज्यों से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
मामले की तहकीकात की शुरुआत मार्च 2025 में आगरा से हुई, जब 33 और 18 साल की दो बहनें लापता हो गई थीं। जांच में सामने आया कि इन बहनों को ‘लव जिहाद’ के ज़रिए फंसाया गया और फिर उनका धर्मांतरण और कट्टरपंथीकरण किया गया। आगरा पुलिस आयुक्त दीपक कुमार के अनुसार, इनमें से एक युवती ने सोशल मीडिया पर एके-47 रायफल लिए लड़की की तस्वीर को अपनी प्रोफाइल बना लिया था, जो सीधे तौर पर कट्टरपंथी विचारधारा की ओर इशारा करता है।
पुलिस ने इस नेटवर्क से जुड़े जिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें राजस्थान से 3, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से 2-2, तथा गोवा, उत्तराखंड और दिल्ली से एक-एक आरोपी शामिल हैं। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इस रैकेट को अमेरिका और कनाडा जैसे देशों से आर्थिक सहायता मिल रही थी, जिसका इस्तेमाल युवाओं को बहलाने, गुप्त ठिकानों की व्यवस्था करने, कानूनी सलाह देने और पूरे धर्मांतरण अभियान को सुचारू रूप से चलाने में किया जाता था।
डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि इस रैकेट की कार्यप्रणाली ISIS जैसे आतंकी संगठनों की तरह ही थी – जिसमें हवाला नेटवर्क, गुप्त संचालन, डिजिटल ब्रेनवॉशिंग और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्किंग का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि इस नेटवर्क का मकसद सिर्फ धर्म परिवर्तन नहीं था, बल्कि कट्टरपंथ फैलाना और देश के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ना था।
इस गंभीर प्रकरण की जांच में यूपी पुलिस की विशेष एजेंसियों जैसे एसटीएफ और एटीएस को भी लगाया गया है। यह पूरी कार्रवाई यूपी सरकार की ‘मिशन अस्मिता’ पहल के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य ‘लव जिहाद’, अवैध धर्मांतरण, और धार्मिक कट्टरता जैसे राष्ट्रविरोधी कृत्यों में संलिप्त संगठनों को खत्म करना है।
‘मिशन अस्मिता’ को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार का एक निर्णायक कदम माना जा रहा है, जो राज्य में चल रहे धर्मांतरण और कट्टरपंथ के मंसूबों पर सख्ती से लगाम लगाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। जांच अभी भी जारी है, और पुलिस का मानना है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां और खुलासे हो सकते हैं।
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