मुंबई। भारतीय लोकतंत्र में हरेक नागरिक को संवैधानिक तरीके से सरकार अथवा सरकारी व्यवस्था के खिलाफ विरोध करने का अधिकार दिया हुआ है। विभिन्न मुद्दों पर विरोध जताने के लिए होने वाले आंदोलनों में राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन सबसे आगे हैं। अकसर ये आंदोलन लगभग एक जैसे हुआ करते हैं, पर कुछ मौकों पर हमें इनमें ऐसा अनूठापन भी देखने मिलता है, जो बरबस सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लेता है। बुलढाणा में मंगलवार 10 अगस्त को इसी तरह का एक आंदोलन हुआ था। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना द्वारा आयोजित यह अर्धनग्न आंदोलन था। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने भारी बारिश से बुलढाणा जिले के ग्रामीण इलाकों की खस्ताहाल हुई सड़कों की मरम्मत की मांग को लेकर यह आंदोलन किया था।
… तो फिर अपनी स्टाइल में भी आंदोलन: बारिश के कारण बुलढाणा जिले में सड़कों की स्थिति काफी दयनीय हो गई हैं। आवाजाही और परिवहन का जरिया बनीं ये सड़कें जिले की मुख्य सड़क से भी जुड़ी हुई होने के कारण उनके अवरुद्ध होने से आमजन की समस्या बहुत बढ़ गई है। लिहाजा, इन सड़कों की जल्द से जल्द मरम्मत के लिए मनसे ने जिला परिषद को कई बार पत्र देकर शिकायत की, लेकिन जब इसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकला, तो मनसे ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया। प्रशासन की अनदेखी के खिलाफ मनसे कार्यकर्ताओं तब ने अर्धनग्न आंदोलन किया। मनसे ने चेतावनी दी है कि इस मुद्दे को यदि गंभीरता से नहीं लिया गया, तो अब वह अपनी निजी शैली में आंदोलन पर उतारू होगी।