गाजा शांति प्रक्रिया के अहम मोड़ पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी सुरक्षा कैबिनेट की बैठक बीच में रोककर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। यह वार्ता गुरुवार, 9 अक्टूबर को हुई, जब कैबिनेट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 20-सूत्रीय गाजा शांति योजना पर चर्चा चल रही थी। इस बैठक में सीजफायर और बंधकों की रिहाई से जुड़े समझौते पर विचार किया जा रहा था।
द टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, फोन पर हुई बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मध्यस्थता में गाजा शांति योजना के तहत हुई प्रगति पर इजरायली प्रधानमंत्री को बधाई दी। इस चर्चा के बाद इजरायल ने आधिकारिक तौर पर सीजफायर और बंधकों की रिहाई से जुड़ा समझौता मंजूर कर लिया।
इजरायल प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “प्रधानमंत्री नेतन्याहू हमेशा से मेरे घनिष्ठ मित्र रहे हैं और हमारी मित्रता सदैव बनी रहेगी।” इस पर नेतन्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री का इजरायल के प्रति निरंतर समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भी इजरायल और हमास के बीच हुए शांति समझौते का स्वागत करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा पीस प्लान के तहत हुई प्रगति पर अपने मित्र प्रधानमंत्री नेतन्याहू को बधाई देने के लिए फोन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम बंधकों की रिहाई और गाजा के लोगों के लिए मानवीय सहायता बढ़ाने पर हुए समझौते का स्वागत करते हैं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि “दुनिया में कहीं भी किसी भी रूप या स्वरूप में आतंकवाद अस्वीकार्य है।”
एक अन्य पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, “हम राष्ट्रपति ट्रंप के ‘पीस प्लान’ के पहले चरण पर हुए समझौते का स्वागत करते हैं। यह प्रधानमंत्री नेतन्याहू के सशक्त नेतृत्व का भी प्रतीक है।” विश्लेषकों का मानना है कि इस फोन वार्ता ने एक बार फिर भारत और इजरायल के बीच मजबूत होती मित्रता को रेखांकित किया है। दोनों देशों के बीच रक्षा, तकनीक, और कृषि सहयोग के अलावा अब शांति प्रक्रिया पर भी रणनीतिक संवाद के नए आयाम खुलते दिखाई दे रहे हैं।
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