प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच लंबे समय से ठंडी पड़ी कूटनीतिक रिश्तों में अब थोड़ी गर्माहट दिखने लगी है। पीएम मोदी ने शनिवार (6 सितंबर)को कहा कि वे राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं को गहराई से सराहते हैं और पूरी तरह प्रत्युत्तर देते हैं। ट्रंप ने हाल ही में मोदी को लेकर अपने रुख में नरमी दिखाई और कहा कि वे हमेशा मोदी के दोस्त रहेंगे, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने यह प्रतिक्रिया दी।
ट्रंप ने शुक्रवार (5 सितंबर) को SCO शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की मौजूदगी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि “लगता है हमने भारत और रूस को सबसे गहरे, अंधेरे चीन के हवाले कर दिया है।” इस टिप्पणी के कुछ घंटों बाद ही उन्होंने माहौल नरम करने की कोशिश की और कहा—“मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा। वे एक महान प्रधानमंत्री हैं। हमारे रिश्ते खास हैं, चिंता की कोई बात नहीं।”
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा,“राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों के सकारात्मक आकलन की गहराई से सराहना करता हूं और उनका पूरा प्रत्युत्तर देता हूं। भारत और अमेरिका के बीच एक बहुत ही सकारात्मक और भविष्य उन्मुख व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।” हालांकि, मोदी ने इस बयान में हमेशा की तरह ट्रंप को अपना ‘मित्र’ कहने से परहेज़ किया। यह संकेत है कि रिश्तों को पटरी पर लाने के लिए अभी पर्दे के पीछे और प्रयासों की ज़रूरत होगी।
दरअसल, यह सकारात्मक आदान-प्रदान महीनों बाद देखने को मिला है। इससे पहले, अमेरिका और भारत के रिश्तों में ट्रंप ने भारत पर 50% तक के ऊंचे टैरिफ लगाने और पीएम मोदी द्वारा फोन कॉल्स को अनुत्तरित छोड़ने से रिश्तों में खटास आई है। दौरान भारत ने सार्वजनिक तौर पर ट्रंप की तीखी आलोचना से परहेज़ किया और सीधे टकराव से बचा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बयान दोनों देशों के बीच खटास को कुछ कम कर सकती है। हाल के दिनों में अमेरिकी प्रशासन ने भी भारत को लेकर अपेक्षाकृत संयमित स्वर अपनाया है। ट्रंप की आलोचनाओं के बावजूद, अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि दो महान देश अंततः इन मुद्दों को सुलझा लेंगे।
भारत और अमेरिका के रिश्ते जटिलताओं से घिरे हैं, रूसी तेल की खरीद से लेकर अटके हुए व्यापार समझौते तक। इसके बावजूद, मोदी-ट्रंप के बीच यह सकारात्मक संकेत दोनों देशों के रिश्तों को फिर से नई दिशा देने का रास्ता खोल सकता है।
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