मराठा आरक्षण सहित विभिन्न मांगों को लेकर शनिवार को आमरण अनशन पर बैठे छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज सांसद संभाजी राजे ने सोमवार को अपना अनशन तोड़ दिया। राज्य सरकार के आश्वासन के बाद उन्होंने अनशन तोड़ा है। आजाद मैदान के अनशन स्थल पर एक छोटे बच्चे के हाथ से रस पीकर उन्होंने अपना अनशन खत्म किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उनकी मांगों को मंजूर कर लिया है, इसलिए वे अनशन खत्म कर रहे हैं।
इसके पहले राज्य सरकार की तरफ से अनशन वापस लेने के लिए उनसे गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल, मंत्री एकनाथ शिंदे और मंत्री अमित देशमुख ने मुलाकात की। मंत्रियों ने उन्हें आश्वस्त किया कि सेवा में भर्ती सहित अन्य मांगों को लेकर तय समय सीमा में पूरा किया जाएगा। इस दौरान संभाजीराजे छत्रपति की पत्नी संयोगिताराजे भी अनशन तोड़ा। मराठा समाज की विभिन्न मांगों को लेकर मुंबई के आजाद मैदान पर सांसद संभाजीराजे छत्रपति पिछले तीनों ने आमरण अनशन पर बैठे थे। सोमवार को मराठा समन्वयकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चर्चा की।
इसके बाद संभाजी राजे छत्रपति की मांगों को तय समय सीमा में पूरा करने का निर्णय लिया गया। मंत्री एकनाथ शिंदे, दिलीप वलसे पाटिल और अमित देशमुख आजाद मैदान पहुंचे। एकनाथ शिंदे ने इस दौरान राज्य सरकार की तरफ से मंजूर मांगों को पढ़कर सुनाया। इसके बाद संभाजी राजे ने एक छोटे बच्चे के हाथ से रस पीकर अपना अनशन खत्म किया। संभाजी राजे छत्रपति ने कहा कि उनका अनशन का निर्णय ऐतिहासिक था और वे कोल्हापुर तक ही सीमित नहीं, बल्कि महाराष्ट्र और संपूर्ण देश के हैं। मराठी समाज के लिए आज आंदोलन नहीं कर रहे हैं, बल्कि कई सालों से आंदोलन कर आवाज उठा रहे हैं।
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