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Monday, December 8, 2025
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Mumbai Rains: जापानी तकनीक दूर करेगी मुंबई की समस्या!

मुंबई की वार्षिक वर्षा का 10 प्रतिशत रविवार रात से सोमवार सुबह 7 बजे के बीच हुआ। क्योंकि भारत और दुनिया भर के शहरों की तरह मुंबई भी जलवायु परिवर्तन से पीड़ित है। इसी तरह इसके और भी कारण हैं|

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देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में सोमवार को एक बार फिर बाढ़ आ गई|छह घंटे में 300 मिमी से अधिक बारिश हुई, जिससे मुंबई का ‘मुंबई’ बन गया। मुंबई की वार्षिक वर्षा का 10 प्रतिशत रविवार रात से सोमवार सुबह 7 बजे के बीच हुआ। क्योंकि भारत और दुनिया भर के शहरों की तरह मुंबई भी जलवायु परिवर्तन से पीड़ित है। इसी तरह इसके और भी कारण हैं|

26 जुलाई 2005 को मुंबई में 24 घंटे में 900 मिमी बारिश हुई थी|एक दिन में हुई ये बारिश पूरे जुलाई महीने की बारिश थी| इस बारिश के कारण मुंबई थम सी गई है|इस बारिश में 1094 लोगों की मौत हो गई|साथ ही 500 करोड़ का नुकसान हुआ था| उसके बाद मुंबई में कुछ नहीं बदला,जब भारी बारिश होती है तो मुंबई रुक जाती है।

मुंबई शहर अरब सागर से सटा हुआ है। शहर में चार नदियां हैं, मीठी, दहिसर, ओशिवारा और पोयसर। मीठी नदी पूरे मुंबई शहर को घेरती है।कई स्थानों पर तो नदी की चौड़ाई मात्र दस मीटर ही है। इसलिए, जब भारी बारिश होती है, तो नदी उफान पर आ जाती है।

मुंबई का आकार देश के अन्य शहरों से अलग है: समुद्र तट पर सात द्वीपों का यह शहर कई जगहों पर बहुत नीचे है। कुछ स्थानों पर यह अधिक भी है। ऐसे में जैसे ही तेज बारिश शुरू होती है तो पानी निचले हिस्से की ओर बढ़ने लगता है| इसके कारण सायन, अंधेरी सबवे, मिलन सबवे और खार के निचले हिस्से में पानी भर जाता है|

शहर की जल निकासी व्यवस्था ऐसी है कि पानी बहकर समुद्र में चला जाता है। लेकिन भारी बारिश के दौरान समुद्र का जलस्तर बढ़ने के कारण नालों के गेट बंद कर दिए जाते हैं। समुद्र के पानी को शहर में वापस आने से रोकने के लिए ये द्वार बंद कर दिए गए हैं। ऐसे में बारिश के पानी को निकलने की कोई जगह नहीं है। पानी घटने के बाद सिस्टम को ठीक होने में 6 घंटे का समय लगता है|

देश के ज्यादातर शहरों में बारिश का पानी जमीन में समा जाता है। लेकिन मुंबई में हालात अलग हैं| मुंबई का 90 फीसदी पानी बहता है| इससे जल निकासी पर भी भारी बोझ पड़ता है।देश के कोने-कोने से लोग मुंबई आते हैं। बहुत से लोग निचले इलाकों में रहते हैं। उसके लिए अतिक्रमण किया गया है| इसके कारण कम बारिश के दौरान भी कई निचले इलाकों में पानी जमा हो जाता है।

प्रोजेक्ट पर ही चर्चा पिछले कुछ समय से जापान की मदद से मुंबई में अंडरग्राउंड पाइपलाइन (अंडरग्राउंड डिस्चार्ज चैनल) बनाने पर चर्चा चल रही है। जापान ने यह प्रोजेक्ट टोक्यो शहर में भी बनाया। क्योंकि टोक्यो में 35 लाख से ज्यादा लोगों पर हमेशा बाढ़ का खतरा मंडराता रहता है। इसी के चलते जापान ने एक अंडरग्राउंड चैनल बनाया है| यह बाढ़ के पानी या अतिरिक्त पानी को इस चैनल से गुजरने की अनुमति देता है और एक पंप के माध्यम से एडो नदी में छोड़ दिया जाता है।

मुंबई को स्पंज सिटी की तरह विकसित करने की भी बात हो रही है| स्पंज सिटी एक अवधारणा है जिसमें शहर स्पंज की तरह काम करता है यानी इसमें पानी डालते ही सूख जाता है। इसके तहत शहर को इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि पानी सीधे जमीन में जाएगा और नालों पर भार नहीं पड़ेगा। इसमें ग्रीन स्पेस बढ़ाया जाएगा।

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