मुंबई के मझगांव क्षेत्र प्रिंस अली अस्पताल की इमारत जीर्ण-क्षीर्ण होने कारण जर्जर हो गई है और लगभग 75 वर्षों पुरानी अस्पताल की इमारत के जर्जर के कारण मरीजों के उपचार के लिए प्रवेश पर तत्काल रोक लगा दिया गया है| साथ ही सर्जरी विभाग को भी बंद कर दिया गया है।
मझगांव में प्रिंस अली खान के प्राइवेट अस्पताल को 1945 में शुरू किया गया था। बिल्डिंग की एक संरचनात्मक निरीक्षण रिपोर्ट में अस्पताल की इमारत को धोखादायक पाया गया है। इसलिए संगठन ने अस्पताल के मरीजों को तत्काल दूसरी जगह शिफ्ट करने का फैसला किया है|
साथ ही अस्पताल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी नए मरीज को भर्ती नहीं किया जाएगा|अस्पताल का मुख्य भवन खतरनाक हो गया है। इसलिए वर्तमान में केवल ओपीडी विभाग ही चल रहा है। इस बीच अस्पताल की ओर से भवन का एक और ढांचागत निरीक्षण किया जाएगा।
पुराने इमारत में 150 बेड का अस्पताल है और हर साल करीब डेढ़ लाख मरीज बाहर से आते है और नौ हजार के आसपास व स्थानीय मरीजों का उपचार किया जाता है। अस्पताल में फिलहाल 50 मरीज हैं और इन मरीजों को नजदीकी अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा। उसके लिए संगठन की ओर से क्षेत्र के अस्पतालों से संपर्क किया जा रहा है|
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