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Sunday, December 7, 2025
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बांधों का शहर पानी को तरसता, महिलाओं ने निकाला हांडा मोर्चा

इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने नगर निगम ​ ​प्रशास​क​ के खिलाफ नारेबाजी की और जलापूर्ति विभाग पर हमला बोल दिया​|​प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि नगर पालिका में आने के बाद से यह स्थिति पैदा हुई है​|​​ इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नगर निगम प्रशासन को बयान दिया और पानी की समस्या का तत्काल समाधान करने की मांग की​|​​

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नासिक जिले को बांधों का जिला कहा जाता है, लेकिन नागरिकों का आरोप है कि नासिक शहर में उन्हें पानी नहीं मिल रहा है| दिलचस्प बात यह है कि जिन बांधों से शहर को पानी की आपूर्ति की जाती है, वे पूरी तरह से भरे हुए हैं। नासिक शहर के नागरिक शहर में पानी की समस्या​ से जुझते दिखाई दे रहे हैं​, जिसके परिणाम स्वरूप शहरवासीनासिक नगर निगम के प्रवेश द्वार पर सीधे हांडा मार्च निकालकर नाराजगी जताई है|​​ दिलचस्प बात यह है कि नगर पालिका में आने से पहले इस मार्च का नेतृत्व भाजपा के शासन काल में हाउस लीडर के रूप में काम करने वालों ने किया था। इसलिए नगर पालिका पर हांडा मार्च नगर पालिका क्षेत्र में एक बड़ी चर्चा है।

इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने नगर निगम ​ ​प्रशास​क​ के खिलाफ नारेबाजी की और जलापूर्ति विभाग पर हमला बोल दिया|प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि नगर पालिका में आने के बाद से यह स्थिति पैदा हुई है|​​ इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नगर निगम प्रशासन को बयान दिया और पानी की समस्या का तत्काल समाधान करने की मांग की|​​

रिपोर्ट में नगर आयुक्त और प्रशासक का जिक्र करते हुए नासिक नगर निगम के प्रशासन के बाद से ही पेयजल की समस्या गंभीर हो गई है|​​ पिछले 20 वर्षों में पीने के पानी की कभी कोई समस्या नहीं हुई, यह ​​प्रशासन के समय से ही समस्या बन गई है। चूंकि अभी हर जगह बारिश हो रही है, गंगापुर बांध और अन्य बांधों से पानी छोड़ना पड़ रहा है।

वही​,​ पूर्व में वार्ड K9 का उषा गंगापुर बांध स्थित है और एक जल शोधन स्टेशन है​, लेकिन हमारे वार्ड में पीने के लिए पानी नहीं है|​​ वार्ड में ​पानी की सप्लाई ​​ ​कम प्रेशर और  ​पानी थोड़ी​ देर के लिए छोड़ा जाता है। वॉलमैन से पूछें तो वह कहता है कि मैं सिर्फ उतना ही पानी छोड़ता हूं, जितना टैंक से निकलता है। अधिकारियों से पूछें तो वे अलग-अलग जवाब देते हैं। कुल मिलाकर​ पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है|

अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही से बरसात के दिनों में भी लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पाता है|​​ कई बार अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। डैम में भरपूर पानी होने पर ​भी कर्मचारियों और ​वॉलमैन ​​काम नहीं कर​ते है| वही आंदोलनकारियों नगर निगम को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक- दो दिन के अंदर पेयजल की समस्या का समाधान दो दिन में नहीं किया तो हम लोकतांत्रिक तरीके से एक मार्च और जन आंदोलन निकालेंगे|

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