लगातार हार से पस्त भाजपा विरोध में अंधी विपक्षी दल एक धर्म विशेष की राजनीति करने वाले और देश में अलगाववाद का बीच बोने में जुटी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के साथ गठबंधन से भी परहेज नहीं है। एमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष सांसद इम्तियाज जलील द्वारा महा विकास आघाडी में शामिल होने का प्रस्ताव को शिवसेना ने सिरे से खारिज कर दिया है पर उसके सहयोगी दल कांग्रेस-एनसीपी ने इसमें रुचि दिखाई है।
महाविकास आघाडी में शामिल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि फिलहाल एमआईएम की तरफ से ऐसा को प्रस्ताव नहीं आया है। उनका प्रस्ताव मिला तो हम विचार करेंगे। जबकि राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने एमआईएम के प्रति नरम रुख अपनाते हुए कहा कि समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ आना चाहिए। इसके पहले एमआईएम के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जलील ने कहा था कि भाजपा को रोकने के लिए हम महा विकास आघाडी से हाथ मिलाने को तैयार हैं। जलील ने राकांपा के वरिष्ठ नेता व राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के माध्यम से अपना यह संदेश राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के पास भेजा है। जलील ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए सभी दलों को एक साथ आना होगा।
उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों को लेकर हम महा विकास आघाडी के साथ गठबंधन करने को तैयार हैं। जलील के घर गए राजेश टोपे के माध्यम से उन्होंने यह संदेश पवार के पास भेजा है। जलील ने कहा कि हम पर आरोप लगाए जाते हैं कि भाजपा एमआईएम की वजह से जीतती है। इस लिए हमनें राकांपा नेता को यह ऑफर दिया कि यह आरोप समाप्त करने के लिए हमें अपने साथ लें। जलील ने कहा कि हम केवल राकांपा नहीं बल्कि कांग्रेस के साथ भी जाने को तैयार हैं।
औरंगजेब के समर्थकों से गठबंधन नहीं संजय राउत: एमआईएम के ऑफर को सिरे से खारिज करते हुए शिवसेना प्रवक्ता व सांसद संजय राऊत ने कहा कि औरंगजेब को अपना आदर्श मानने वालों के साथ हम कैसे जा सकते हैं। शिवसेना नेता व राज्यमंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि शिवसेना में पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे जो फैसला लेते हैं वही अंतिम होता है। जबकि शिवसेना के पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने कहा कि एमआईएम के साथ कभी गठबंधन नहीं हो सकता।
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