नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसक प्रदर्शनों के बीच अब हालात धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगे हैं। काठमांडू समेत देश के अन्य इलाकों से शनिवार (13 सितंबर) को कर्फ्यू हटा लिया गया। सेना की मौजूदगी हालांकि अभी कुछ दिनों तक जारी रहेगी। इस बीच, देश में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है और पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर इतिहास रच दिया। वह नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सरकार ने 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाया। इसके खिलाफ देशभर में खासकर युवाओं ने सड़क पर उतरकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। ‘जेन-जी आंदोलन’ के नाम से शुरू हुए इस आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक अब तक कम से कम 50 लोगों की मौत हो चुकी है। भारी दबाव और विरोध की लहर के बीच ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
कर्फ्यू और प्रतिबंध हटे
ओली सरकार के इस्तीफे और सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार बनने के बाद हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। नेपाल सेना के प्रवक्ता ने कहा कि शनिवार को किसी भी इलाके में कर्फ्यू या प्रतिबंधात्मक आदेश लागू नहीं है। हालांकि, एहतियातन सुरक्षा बलों की तैनाती जारी रहेगी।
राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने पुष्टि की है कि अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की सरकार छह महीने के भीतर नए संसदीय चुनाव कराएगी। संसद को पहले ही भंग किया जा चुका है और अब नई सरकार के गठन की राह चुनावों से होकर गुजरेगी।
नेपाल में यह राजनीतिक परिवर्तन न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया की दिशा तय करेगा, बल्कि देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक मोड़ भी साबित हो सकता है।
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