सुप्रीम कोर्ट का ‘भगोड़ा’ परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से इंकार 

कहा पहले अपने छिपे होने का लोकेशन बताओ 

सुप्रीम कोर्ट का ‘भगोड़ा’ परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से इंकार 

file photo

जबरन वसूली मामले में भगोड़ा घोषित किये जाने के बाद मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने गुरुवार को याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से संरक्षण की मांग की है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि जब तक वह अपने छिपे हुए स्थान का पूरा पता नहीं बता देते तब तक उनकी याचिकाओं पर सुनवाई नहीं होगी। मालूम हो कि बुधवार को मुंबई कोर्ट ने गोरेगांव में जबरन वसूली के एक मामले में परमबीर सिंह को भगोड़ा घोषित किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने परम बीर सिंह की याचिका पर तब तक विचार करने से इनकार कर दिया जब तक कि वह उसे अपने वर्तमान स्थान के बारे में नहीं बता देते, चाहे वह भारत में या विदेश में छिपा हों। परमबीर सिंह के खिलाफ महाराष्ट्र में कम से कम पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं और गोरेगांव जबरन वसूली मामले में उनके नाम पर कई गैर-जमानती वारंट जारी किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, “परम बीर सिंह कहां है? वह किसी जांच में शामिल नहीं हुये है, हमें नहीं पता कि वह कहां है। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने कहा कि, “यदि आप विदेश में हैं और कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं तो हम इसे कैसे दे सकते हैं ?” परमबीर सिंह के वकील ने इस संबंध में कोर्ट से समय मांगा है। परमबीर सिंह की याचिका पर अब 22 नवंबर को सुनवाई होगी।

मुंबई पुलिस की अपराध शाखा परमबीर सिंह के खिलाफ गोरेगांव में बिल्डर बिमल अग्रवाल द्वारा दर्ज वसूली के मामले की जांच कर रही है। प्राथमिकी में परमबीर सिंह के अलावा बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे, सुमित सिंह उर्फ ​​चिंटू, अल्पेश पटेल, विनय सिंह उर्फ ​​बबलू और रियाज भाटी को आरोपी बनाया गया है। वहीं, दूसरी तरफ परमबीर सिंह ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सचिन वेज़ से हर महीने मुंबई के होटलों और बार से 100 करोड़ रुपये वसूलने का भी आरोप एक पत्र लिख कर लगाया था। इस आरोप के बाद अनिल देशमुख को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

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