मुंबई। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे द्वारा उद्धव ठाकरे पर की गई टिप्पणी मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि, मंगलवार को गिरफ्तारी के बाद आधी रात को राणे को जमानत मिल गई। अब नारायण राणे को नासिक पुलिस ने उनके खिलाफ प्राथमिकी के सिलसिले में नोटिस भेजा है। नोटिस में राणे दो दिसंबर को थाने में उपस्थित होने को कहा गया है। जिसका जवाब देते हुए नारायण राणे के बेटे व नितेश राणे ने एक फ़िल्मी वीडियो ट्वीट किया है जिसमें अभिनेता यह कह रहा है “करारा जवाब मिलेगा”। जबकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने ठाकरे सरकार को घेरते हुए कहा कि राणे को जमानत मिलना राज्य सरकार के चेहरे पर तमाचा है। इधर, मुंबई में सुरक्षा के मद्देनजर उनके आवास पर पुलिस तैनात किये गए हैं। बता दें कि राणे ने जब से महाराष्ट्र में जन आशीर्वाद यात्रा शुरू की है, अब तक उन पर 49 FIR दर्ज हो चुकी हैं।
वहीं राणे के वकील संग्राम देसाई ने जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें जमानत देते हुए अदालत ने कुछ शर्तें लगाई हैं। राणे को 31 अगस्त और 13 सितंबर को पुलिस स्टेशन में हाजिर होना होगा और भविष्य में इस तरह के कृत्यों से दूर रहना होगा। महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि नारायण राणे को मिली जमानत राज्य सरकार के चेहरे पर एक और तमाचा है जो पुलिस और गुंडों के समर्थन से चल रही है। वहीं, भाजपा नेता प्रवीण दारेकर ने कहा कि नारायण राणे को जमानत मिल गई है और वह 27 अगस्त से दोबारा जन आशीर्वाद यात्रा निकालेंगे। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश ने आधी रात के तुरंत बाद ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट कर मंगलवार को अपने पिता की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला।
नितेश द्वारा पोस्ट किया गया वीडियो फिल्म रजनीति के एक दृश्य का हिस्सा है और अभिनेता मनोज बाजपेयी को ‘करारा जवाब मिलेगा’ की चेतावनी देते हुए दिखाया गया है। दरअसल, राणे ने हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर एक बयान दिया था। इस बयान में उन्होंने ठाकरे की आलोचना करने के साथ ही कथित तौर पर उन्हें थप्पड़ मारने की बात कही थी। इस बयान के बाद उन पर एफआईआर दर्ज की गई थी। राणे को मंगलवार दोपहर हिरासत में लेने के बाद औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद मंगलवार की आधी रात को जमानत मिल गई। बता दें कि राणे ने जब से महाराष्ट्र में जनआशीर्वाद यात्रा शुरू की है, अब तक उन पर 49 FIR दर्ज हो चुकी हैं। हालांकि, इनमें से ज्यादातर मामले कोविड नियमों को तोड़ने पर दर्ज किए गए हैं।