15 सालों में बीएमसी के सिर्फ 57 रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारी बर्खास्त

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अपने भ्रष्ट कामकाज के लिए प्रसिद्ध मुंबई महानगरपालिका यानी बीएमसी में पिछले 15 सालों में भ्रष्टाचार के आरोपी सिर्फ 57 अधिकारियों-कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इनमें 200 रुपए से 2 लाख तक की घूस लेने वाले बीएमसी अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। सूचना अधिकार कानून (आरटीआई) से यह जानकारी सामने आई है।

आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार अगस्त 2021 तक एसीबी के जाल में फंसे बीएमसी ने विभिन्न विभागों के कुल 57 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। मुख्य रूप से ट्रैप मामले जिनमें कुल 53 मामले, आय से अधिक संपत्ति के 3 मामले और भ्रष्टाचार (कदाचार) के 1 मामले शामिल हैं। इसमें एक वह मामला भी शामिल है जिसमें शिक्षक द्वारा डुप्लीकेट प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 200 रुपये की घूस मांगी गई।

 जबकि 1,75,000 रुपये अधिकारी द्वारा अनधिकृत मरम्मत कार्य के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए स्वीकार किए गए थे। हालांकि बीएमसी इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में तेज नहीं दिखाई। ऐसे मामले हैं जहां कुछ अधिकारियों को बहाल किया गया था और दोषी ठहराए जाने के बावजूद सेवा में रखा गया था।

 भ्रष्ट अधिकारियों को वरिष्ठ बीएमसी अधिकारियों द्वारा संरक्षित किया जाता है। द यंग व्हिसलब्लोअर्स फाउंडेशन के कार्यकर्ता जीतेंद्र घाडगे के अनुसार, “आय से अधिक संपत्ति के मामलों के संदर्भ में, ऐसा लगता है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्य रूप से अधिक मामले दर्ज करने में असमर्थ है क्योंकि शिकायतकर्ता बाद में सामने नहीं आते। इसके अलावा, मनपा आयुक्त सभी बीएमसी अधिकारियों के लिए सालाना अपनी संपत्ति रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य कर सकते हैं।

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