मुंबई। एनसीपी प्रवक्ता व महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने दावा किया है कि पिछले दिनों पूर्व गृह राज्यमंत्री अनिल देशमुख को सीबीआई की क्लीनचिट को लेकर जो दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल हुई थे, वे फर्जी नहीं बल्कि असली थे।
गुरुवार को मंत्रलाय में पत्रकारों से बातचीत में नवाब मलिक ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने अब दावा किया है कि रिश्वत दिये जाने के बाद यह रिपोर्ट लीक हुई थी और उसने इस संबंध में एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। लेकिन सीबीआई यह नहीं कह रहा है कि रिपोर्ट फर्जी है। मलिक ने आरोप लगाया, ”सीबीआई अपनी साख बचाने के लिए, यह कह रही है कि रिपोर्ट गलत तरीके से हासिल की गई।” उन्होंने कहा कि ”अगर रिपोर्ट अदालत में पेश की जाती है, तो अनिल देशमुख को राहत मिलेगी।
जो कुछ भी हो रहा है वह सब राजनीति से प्रेरित है।” सीबीआई ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने राकांपा नेता देशमुख के वकील आनंद डागा को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित प्रारंभिक जांच को कथित रूप से विफल करने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने सीबीआई के सब-इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी को भी डागा से कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। देशमुख को कथित तौर पर क्लीन चिट देने की प्राथमिक जांच की रिपोर्ट शनिवार की रात लीक हो गई थी। सीबीआई ने लीक की जांच शुरू की और बाद में दावा किया कि जांच के निष्कर्षों को प्रभावित किया गया है।
बंबई उच्च न्यायालय ने देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एजेंसी को प्रारंभिक जांच शुरू करने का निर्देश दिया था।
जो कुछ भी हो रहा है वह सब राजनीति से प्रेरित है।” सीबीआई ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने राकांपा नेता देशमुख के वकील आनंद डागा को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित प्रारंभिक जांच को कथित रूप से विफल करने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने सीबीआई के सब-इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी को भी डागा से कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। देशमुख को कथित तौर पर क्लीन चिट देने की प्राथमिक जांच की रिपोर्ट शनिवार की रात लीक हो गई थी। सीबीआई ने लीक की जांच शुरू की और बाद में दावा किया कि जांच के निष्कर्षों को प्रभावित किया गया है।
बंबई उच्च न्यायालय ने देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एजेंसी को प्रारंभिक जांच शुरू करने का निर्देश दिया था।