पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने देश की कमजोर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए खनिज संपदा को अहम आधार बताते हुए दावा किया है कि पाकिस्तान के पास रेयर अर्थ का खजाना है। मुनीर ने जोर देकर कहा कि इस खजाने के सहारे पाकिस्तान का कर्ज कम होगा और देश को दुनिया के सबसे समृद्ध देशों में शामिल किया जा सकेगा।
अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान के ‘रेयर अर्थ मिनरल्स’ में गहरी रुचि दिखाई है। इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा क्षेत्र में इन धातुओं की भारी जरूरत होती है। वाशिंगटन इस समय चीन की इस पर बनी पकड़ से निकलकर वैकल्पिक आपूर्ति चैन बनाने की कोशिश कर रहा है, ताकि बीजिंग पर उसकी निर्भरता कम हो। इसी संदर्भ में पाकिस्तान का रेको डिक खनन प्रोजेक्ट भी अहम हो जाता है।
मुनीर की टिप्पणी जियो ग्रुप में शनिवार (16 अगस्त)को प्रकाशित एक कॉलम में सामने आई। लेखक सुहैल वाराइच ने लिखा कि उन्होंने हाल ही में बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में मुनीर से मुलाकात की, जहां सेना प्रमुख ने उनसे यह बातें साझा कीं। जंग अखबार ने कॉलम का हवाला देते हुए लिखा कि मुनीर ने कहा—“पाकिस्तान के पास एक rare earth treasure है; इस खजाने के सहारे पाकिस्तान का कर्ज भी कम होगा और पाकिस्तान जल्द ही सबसे समृद्ध समाजों में गिना जाएगा।”
इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पाकिस्तान के प्रति बढ़ता झुकाव अब तेल से ज्यादा खनिजों और रेयर अर्थ पर केंद्रित है। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप और नई दिल्ली के बीच रूस से तेल खरीद और युद्धविराम को लेकर विवाद बढ़ने के बाद अमेरिकी नीति में यह बदलाव आया है। भारत के साथ रिश्तों में खटास के बीच पाकिस्तान ने अमेरिका से पहली बार कच्चे तेल की खेप भी हासिल की है।
ट्रंप की यह नई रणनीति दक्षिण एशिया में अमेरिका-पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग को गहरा करने और पाकिस्तान के तेल क्षेत्र के विकास से जुड़ी है। वाशिंगटन ने भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत का भारी टेर्रिफ लगाने के बाद यह फैसला किया है, जिससे अमेरिका-भारत संबंध और बिगड़े हैं।
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