भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान से व्यापार पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद अमेज़न इंडिया पर छिप छिपाकर पाकिस्तानी उत्पाद बेचे जा रहे हैं।जांच में यह खुलासा हुआ कि पाकिस्तान में निर्मित सौंदर्य प्रसाधन और अन्य उत्पाद अब भी अमेज़न पर उपलब्ध हैं, हालांकि इन्हें विक्रेता अलग नामों या श्रेणियों में सूचीबद्ध कर रहे हैं।
वाणिज्य मंत्रालय ने अमेज़न इंडिया और इसके वैश्विक CEO के खिलाफ जांच शुरू की है। आरोप है कि अमेज़न भारत सरकार के पाकिस्तान के साथ व्यापार पर लगाए गए प्रतिबंध का उल्लंघन कर रहा है। इसके बाद मंत्रालय ने विदेश व्यापार महानिदेशक (DGFT) और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
यह शिकायत भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा महाराष्ट्र के उपाध्यक्ष निलोत्पल मृणाल ने दर्ज कराई थी। उन्होंने अमेज़न से दो पाकिस्तानी सौंदर्य प्रसाधन एक मेकअप किट और एक ब्यूटी क्रीम खरीदी और उनके इनवॉइस सहित शिकायत दाखिल की। मृणाल खुद भी कॉस्मेटिक व्यवसाय से जुड़े हुए हैं।
मामले पर अमेज़न इंडिया के प्रवक्ता ने कहा,“Amazon.in एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस के रूप में काम करता है, जहां स्वतंत्र थर्ड-पार्टी विक्रेता अपने उत्पाद सूचीबद्ध करते हैं। हम विक्रेताओं से अपेक्षा करते हैं कि वे भारतीय क़ानूनों और अमेज़न की नीतियों का पालन करें। संबंधित नियामक संस्थानों के निर्देश पर हम उल्लंघन करने वाले उत्पादों को हटा देते हैं।”
एक अमेज़न अधिकारी ने बताया कि अमेज़न 16 लाख से अधिक विक्रेताओं की निगरानी करता है, और यदि कोई विक्रेता कई बार नीतियों का उल्लंघन करता है, तो उसे प्लेटफॉर्म से प्रतिबंधित कर दिया जाता है। रिपोर्ट्स और विरोध के बात कुछ पाकिस्तानी उत्पादों को अमेज़न से हटाया गया, लेकिन वेबसाइट पर अब भी अनेक ऐसे उत्पाद उपलब्ध हैं, जिनकी मूल निर्माण जानकारी छुपाई गई है या गलत दिखाई जा रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि अमेज़न की ओर से पूरी तरह निगरानी नहीं की जा रही या जानबूझकर लापरवाही बरती जा रही है।
भारत सरकार के स्पष्ट व्यापार प्रतिबंध के बावजूद अमेज़न इंडिया पर पाकिस्तानी उत्पादों की गुप्त बिक्री न केवल राष्ट्रीय नीति का उल्लंघन है, बल्कि यह ई-कॉमर्स नियमन और उपभोक्ता अधिकारों पर भी सवाल खड़ा करता है। सरकार को चाहिए कि वह इस मुद्दे पर कठोर कदम उठाए, और अमेज़न जैसे प्लेटफॉर्म्स को उत्तरदायी बनाया जाए, ताकि देशहित के खिलाफ कोई आर्थिक गतिविधि न हो सके।
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