मुंबई। कोरोना रोधी टीके की दोनों डोज न लेने वालों को मुंबई की लोकल ट्रेनों में यात्रा की अनुमति नहीं है। राज्य सरकार ने उन्हीं लोगों को लोकल ट्रेन में पास के साथ यात्रा की अनुमति दी है,जिन्हें दूसरा टीका लगवाए 14 दिन हो चुके हैं। महाराष्ट्र के इस फैसले को संविधान के खिलाफ बताते हुए बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह नियम नागरिकों के बीच भेदभाव करता है।
दिशा-निर्देशों के खिलाफ: हाईकोर्ट में एडवोकेट अभिषेक मित्र के माध्यम से दायर याचिका के मुताबिक राज्य सरकार ने 10 व 11 अगस्त 2021 को परिपत्र जारी कर कोरोना का दोनों टीका ले चुके लोगों को 14 दिन बाद लोकल ट्रेन से यात्रा की इजाजत दी गई है। जबकि जो लोग दोनों टीका नहीं लगवाया है उनके यात्रा करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। याचिका में दावा किया गया है कि यह परिपत्र इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के खिलाफ है।
लोकल ट्रेन से अनुमति देने की मांग: दिशा-निदर्शों के मुताबिक टीका लगवाना ऐच्छिक है न ही अनिवार्य। याचिका में दावा किया गया है कि टीका लगवाने वाले और नहीं लगाने वालों के बीच भेदभाव नहीं किया जा सकता है। क्योंकि, दोनों कोरोना को फैला सकते है। याचिका में मांग की गई है कि सरकार को अपने परिपत्र को संशोधित कर ऐसे लोगों को भी लोकल ट्रेन से अनुमति देने का निर्देश दिया जाए। जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है। गौरतलब है कि इसी विषय को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता फिरोज मिठीबोरवाला ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। कुल मिलाकर हाईकोर्ट में इस मुद्दे को लेकर दो याचिकाएं दायर हो चुकी है। जिन पर जल्द ही सुनवाई हो सकती है।