वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने स्वास्थ्य लाभ के बाद अपनी नियमित रात्रिकालीन पदयात्रा दोबारा शुरू कर दी है। उनकी झलक पाने के लिए भक्तों की भारी भीड़ सड़कों पर उमड़ पड़ी। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे महाराज को देखकर उनके अनुयायी भावुक हो उठे।
शनिवार (25 अक्तूबर)रात प्रेमानंद महाराज ने श्रीकृष्ण शरणम् कॉलोनी से राधा केली कुंज तक अपनी पारंपरिक पदयात्रा आरंभ की। उनके दर्शन के लिए भक्त देर रात से ही सड़कों पर कतारबद्ध खड़े दिखाई दिए। रास्ते भर श्रद्धालुओं ने फूलों की रंगोली सजाई और “राधे-राधे” के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय बना दिया।
प्रेमानंद महाराज जब पदयात्रा पर निकले, तो चेहरे पर वही सदा की मुस्कान और हाथ जोड़कर सभी को नमन करते हुए आगे बढ़े। उन्हें देखकर कई भक्तों की आंखें नम हो गईं। बताया जा रहा है कि वीकेंड की छुट्टी होने के कारण लगभग एक लाख से अधिक श्रद्धालु वृंदावन पहुंचे थे। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लोग दीवारों और छतों पर चढ़कर उनके दर्शन करने लगे।
मथुरा के वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के दौरान श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. श्री कृष्ण शरणम् कॉलोनी से राधा केली कुंज तक की यात्रा में भक्त देर रात से ही लाइन में लगे रहे. वीकेंड की छुट्टी के चलते करीब 1 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे.#Mathura |… pic.twitter.com/2xhqkxhF9i
— NDTV India (@ndtvindia) October 26, 2025
राधा केली कुंज आश्रम तक जाने वाले मार्ग पर भक्तों ने भव्य सजावट की। जगह-जगह पुष्पवर्षा हुई, दीप जलाए गए और भजन-कीर्तन से संपूर्ण क्षेत्र गूंज उठा। प्रेमानंद महाराज अपने अनुयायियों को हर रात पदयात्रा के दौरान दर्शन देते हैं, और यह सिलसिला अब फिर उसी पुराने रूट पर शुरू हो गया है।
गौरतलब है कि प्रेमानंद महाराज पिछले कुछ महीनों से किडनी संबंधी रोग से ग्रसित थे और नियमित डायलिसिस पर थे। हाल ही में कराए गए मेडिकल परीक्षणों में सुधार दिखा है। महाराज ने स्वयं एक वीडियो संदेश में कहा था कि “अब आंखें खुल रही हैं, और हाथों की सूजन कम हो रही है।” इस संदेश ने भक्तों को राहत दी, और अब उनकी पदयात्रा फिर शुरू होने से श्रद्धालुओं में नई ऊर्जा और खुशी की लहर दौड़ गई है।
वृंदावन की गलियों में प्रेमानंद महाराज के दर्शन को लेकर जिस तरह का उत्साह देखने को मिला, उसने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि भक्ति, श्रद्धा और प्रेम की नगरी वृंदावन आज भी अपने संतों के प्रति वैसी ही आस्था रखती है जैसी सदियों से रखती आई है।
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