मुंबई। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को वर्धा में जेनेटिक लाइफ साइंसेज (फार्मेसी) का दौरा कर रेमेडिसविर इंजेक्शन के उत्पादन की देखरेख की। गुरुवार से शुरू हुआ वर्धा में रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वर्धा के जेनेटिक लाइफ साइन्सेस के परिसर जाकर उत्पादन का मुआयना किया। अमेरिकी कंपनी गिलायड के पास रेमडेसिविर का पेटंट है, जिसने भारत की सात कंपनियों को लाइसेंस दिया है, जिनमें से एक हेट्रो फार्मा के साथ गडकरी ने वर्धा की जेनेटिक लाइफ सायन्सेस का करार कराया था। इसके तहत हेट्रो फार्मा वर्धा के जेनेटिक के इस परिसर में आउटसोर्सिंग के माध्यम से रेमडेसिविर का उत्पादन कर रही है।
इससे पहले वर्धा में इंजेक्शन के उत्पादन से संबंधित सभी प्रकार की टेस्टिंग की गई, जिसके सफल होने के बाद गुरुवार से उत्पादन शुरु हुआ। रविवार तक रेमडेसिविर इंजेक्शन के एक लाख वायल लोगों को मिलेंगे। वर्धा में रोज तीस हजार रेमडेसिविर का उत्पादन होगा और इंजेक्शन कांच की शीशी में पैक किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि अगर प्लास्टिक की बोतल में पैकेजिंग की अनुमति मिली तो उत्पादन रोजाना दो लाख इंजेक्शन तक बढ़ सकता है। वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने एंटी वायरल दवा रेमेडीज वीर का उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है। इसे लोगों को सरकार द्वारा तय कीमत पर मुहैया कराया जाएगा। गडकरी ने कहा, “रेमेडीजवीर इंजेक्शन की कमी थी। इस वजह से कालाबाजारी की घटनाएं हुईं। कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी क्योंकि उन्हें रेमेडीजवीर नहीं मिला। इसलिए हमने इसका उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है।” उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमने कोशिश की (और निर्माण का अधिकार प्राप्त किया), रेमेडीस वीर सरकार की कीमत पर लोगों को प्रदान किया जाएगा।