हाईकोर्ट ने कहा कि हम राज्यपाल को बोलने से कैसे रोक सकते हैं?

बयानों को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर उठाए सवाल 

हाईकोर्ट ने कहा कि हम राज्यपाल को बोलने से कैसे रोक सकते हैं?

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सहज भाव से की गई टिप्पणी को आधार बना कर बांबे हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले से अदालत ने सवाल किया है कि राज्यपाल की टिप्पणी में जनहित क्या है। इससे आम लोगों का क्या लेना देना है। गुरुवार को  मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति अभय अहूजा की खंडपीठ के सामने याचिका का उल्लेख किया गया। इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट राज्यपाल को बोलने से रोकने के संबंध में कैसे आदेश जारी कर सकती है।

छत्रपति शिवाजी महाराज व महात्मा फुले को लेकर राज्यपाल की ओर से दिए गए मानहानि पूर्ण बयान को आधार बनाकर मावला ने अधिवक्ता नितिन सातपुते के माध्यम से जनहित याचिका दायर हैं। याचिका में राज्यपाल कोश्यारी के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की दिशा में कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में राज्यपाल को भविष्य में ऐसी बात बोलने से रोकने की मांग की गई है जिससे राज्यपाल कार्यालय की गरिमा प्रभावित होती हो। अधिवक्ता सातपुते ने खंडपीठ के सामने याचिका का उल्लेख किया और याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया।

इस पर खंडपीठ ने कहा कि याचिका में उठाया गया मुद्दा जनहित याचिका कैसे हो सकता है। और क्या हम राज्यपाल को बोलने से रोक सकते है। खंडपीठ ने फिलहाल याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है।याचिका में राज्यपाल के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 61  के तहत महाभियोग की कार्यवाही की दिशा में कदम उठाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। याचिका में कहा गया है कि राज्यपाल की ओर से छत्रपति शिवाजी महराज को लेकर दिए गए बयान ने सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ा है। इसके साथ ही सामाजिक वैमनस्य बढा है।

 इस अपमान के लिए इस्तीफा दें सत्ताधारी दल के विधायक-सांसदः छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के आराध्य देव हैं। लेकिन भाजपा की तरफ से बार-बार महाराज का अपमान किया जा रहा है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के बाद अब पर्यटन मंत्री मंगल प्रभात लोढा ने भी महाराज को लेकर गलतबयानी की है। इस अपमान को लेकर सत्ताधारी दलों के विधायकों-सांसदों को इस्तीफा दे देना चाहिए। यह बात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कही।

गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में पटोले ने कहा कि भाजपा को छत्रपति शिवाजी महाराज केवल चुनाव में वोट के लिए चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़े धूमधाम से अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक बनाने के लिए भूमिपूजन किया था। चुनाव में छत्रपति के आशीर्वाद से वोट भी मांगा था। पर अब भाजपा का असली चेहरा सामने आ गया है। इससे लोगों में नाराजगी है। इस दौरान पटोले ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पैसे जमा करने के बावजूद किसानों को बीमा लाभ नहीं मिल रहा है। कांग्रेस पार्टी बीमा कंपनियों के मुंबई स्थित कार्यालय में जाकर इस बारे में जवाब मांगेगी।

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