जिस पुलिस अफसर के खुलासे के चलते महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार की किरकिरी हुआ और राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख को अफने पद से इस्तीफा देना पड़ा, अब वहीं बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे सरकार के निशाने पर है। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने बर्खास्त किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को उपनगर गोरेगांव में उनके खिलाफ दर्ज वसूली के मामले में सोमवार को हिरासत में ले लिया।
एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। वाजे को हिरासत में लेने के बाद अपराध शाखा के कर्मी मामले में पूछताछ के वास्ते आगे रिमांड पर लेने के लिए उन्हें यहां एस्प्लेनेड अदालत में ले गए। एक विशेष अदालत ने पिछले हफ्ते मुंबई पुलिस को मामले में पूछताछ के लिए नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद वाजे को हिरासत में लेने की अनुमति दी थी।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह भी इस मामले में आरोपी हैं। सहायक पुलिस निरीक्षक वाजे को इस साल मार्च में उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास से एक एसयूवी की बरामदगी और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। अंबानी के आवास के पास एसयूवी से विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। गोरेगांव थाने में दर्ज वसूली के मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने विशेष अदालत से वाजे की हिरासत का अनुरोध करते हुए कहा था कि अपराध की आगे की जांच जरूरी है।
वाजे ने हाल में बायपास सर्जरी कराई थी, इस तथ्य का संज्ञान लेते हुए अदालत ने जेल अधिकारियों से उनके स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर एक रिपोर्ट मांगी थी। अदालत ने पाया कि वाजे कुछ दिनों की यात्रा करने के लिए फिट हैं। अदालत ने पिछले हफ्ते जेल अधिकारियों को एक नवंबर को उनकी हिरासत मुंबई पुलिस को सौंपने का निर्देश दिया। बिल्डर सह होटल व्यवसायी बिमल अग्रवाल की शिकायत पर वाजे, परमबीर सिंह व अन्य के खिलाफ वसूली का मामला दर्ज किया गया था।