बंबई हाई कोर्ट ने शक्ति मिल गैंगरेप मामले तीन दोषियों की मौत की सजा को आजीवान कारावास में बदल दिया। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि दोषियों द्वारा किये गए अपराधों का पश्चाताप के लिए मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदला गया है। बता दें कि यह मामला 2013 का है। जब एक महिला पत्रकार ने शक्ति मिल परिसर में तस्वीर लेने की कोशिश को तो यहां से पहले से ही मौजूद लोगों ने पत्रकार से रेप किया।
न्यामूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण और न्यायमूर्ति साधना जाधव की खंडपीठ ने दोषी विजय जाधव, कासिम शेख और मोहम्मद अंसारी की मौत की सजा की पुष्टि नहीं की, लेकिन उनकी सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया।
मालूम हो कि 2013 में एक 22 वर्षीय महिला पत्रकार अपने साथी के साथ शक्ति मिल पहुंचने थे। बता दें कि मिल कई सालों से बंद होने के कारण यहां किसी का आना जाना नहीं होता है। लेकिन जब यहां महिला पत्रकार और उसके साथी यहां पहुंचे तो वहां पहले से ही मौजूद लोगों ने खुद को पुलिस बताते हुए यहां की तस्वीर लेने से रोक दिया। और कहा कि अगर आपको यहां की तस्वीर लेनी है तो हमारे अधिकारी से परमिशन लेनी होगी।
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