मुंबई। भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे शिवसेना नेता प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) के सवालों के सवालों का सामना करने से बच रहे हैं। यवतमाल से शिवसेना सांसद भावना गवली सोमवार को ईडी आफिस नहीं पहुंची। ट्रस्ट घोटाला मामले में ईडी ने उन्हें समन जारी कर 4 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया था। इस मामले में गवली के सहयोगी खान को ईडी गिरफ्तार कर चुकी है। सांसद गवली ने ईडी के सामने पेश होने के लिए 15 दिनों की मोहलत मांगी है।
हिरासत बढ़ाने की मांग कर सकती है: सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसी भावना गवली और खान को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करना चाहती थी लेकिन अभी गवली ने और समय मांगा है। इसके बाद ईडी भी जांच का हवाला देते हुए खान की हिरासत बढ़ाने की मांग कर सकती है। कुछ दिनों पहले गवली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की थी। बता दें कि 18.18 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता के मामले में ईडी ने गवली और दूसरे आरोपियों के खिलाफ मनी लांडरिंग का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की है। छानबीन के बाद जांच एजेंसी को 69 करोड़ रुपए की हेराफेरी के सबूत मिले हैं।
खेल की मास्टर माइंड भावना गवली है: खान की हिरासत आवेदन में ईडी ने दावा किया है कि वित्तीय अनियमितता भावना गवली के इशारे पर ही हुई है और पैसे निकालने से जुड़े आदेश देने का अधिकार उनके ही पास था क्योंकि वे इस समय रिसोड अर्बन को-आपरेटिव सोसायटी की चेयरमैन थी। पिछले साल मई महीने में वाशिम के रिसोड पुलिस स्टेशन में भावना गवली ने ही अपने निजी सचिव रहे अशोक गंडोले के खिलाफ महिला उत्कर्ष प्रतिष्ठान में 18.18 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने पीएमएलए कानून के तहत ईसीआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू की और पाया कि वित्तीय गड़बड़ी के इस खेल की मास्टर माइंड भावना गवली ही है। उन्होंने खान और दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर महिला उत्कर्ष प्रतिष्ठान नाम के ट्रस्ट को कंपनी में बदल दिया। इसके बाद फर्जी दस्तावेजों का सहारे ट्रस्ट की 69 करोड़ रुपए की संपत्ति कंपनी के हवाले कर दिया गया।