महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने वाले एक और फैसले को पलटा

महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने वाले एक और फैसले को पलटा

मुंबई। सरकारी ठेकों में भ्रष्टाचार आम बात है, इसे रोकने के लिए महाराष्ट्र की फ़डणवीस सरकार ने 3 लाख रुपए से अधिक लागत वाले सभी कार्यों के ल्ए ई-टेंडर अनिवार्य किया था लेकिन अपने भ्रष्ट काम काज के लिए जानी जाने वाली राज्य की तीन दलों की सरकार ने भाजपा सरकार के फैसले को पलट दिया है। अब 10 लाख रुपए तक के काम बगैर ई-टेंडर के कराए जा सकते हैं। राज्य के जल संसाधन विभाग के कामों के लिए ई-टेंडर की सीमा को 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया गया है। इससे जल संसाधन विभाग के 10 लाख रुपए से कम राशि के कामों के लिए ई-टेंडर की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
सोमवार को इस संबंध में जारी शासनादेश के अनुसार बीते मई महीने में सरकार के ऊर्जा विभाग और सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग ने ई-टेंडर की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया था। इससे पहले पूर्व की भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार को रोकने के लिए 3 लाख रुपए से अधिक के कार्यों के लिए ई-टेंडर लागू किया था। भाजपा सरकार में 3 लाख रुपए से अधिक के काम बिना ई-टेंडर के नहीं किया जा सकता था। लेकिन राज्य में अब महाविकास आघाड़ी सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार के फैसले को पलट दिया है।

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