28 C
Mumbai
Saturday, September 21, 2024
होमन्यूज़ अपडेटठाकरे सरकार प्रायोजित बंद पर सरकार का यूटर्न 

ठाकरे सरकार प्रायोजित बंद पर सरकार का यूटर्न 

हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद पल्ला झाड़ रही सरकार 

Google News Follow

Related

यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई घटना को लेकर महाराष्ट्र में सत्ताधारी दलों शिवसेना,एनसीपी व कांग्रेस द्वारा बुलाए गए महाराष्ट्र बंद को लेकर हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद ठाकरे सरकार अब इससे पल्ला झाड़ रही है। जबकि सत्ताधारी दलों के नेता-मंत्री सीधे इस बंद में शामिल थे जिससे लोगों की परेशानी के साथ-साथ सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था। अब राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में कहा है कि बंद को कैबिनेट की मंजूरी नहीं थी। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं थी।

राज्य के गृह विभाग ने सोमवार को बांबे हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर दावा किया है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों पर हुई हिंसा को लेकर 11 अक्टूबर 2021 को महाराष्ट्र में सत्ताधारी दलों द्वारा बुलाए गए बंद को लेकर राज्य मंत्रिमंडल ने कोई फैसला नहीं लिया था। राज्य सरकार ने यह हलफनामा सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी जुलियो रिबेरो व अन्य की ओर से दायर की गई जनहित याचिका के जवाब में दायर किया गया है।

राज्य सरकार के हलफनामा में कहा गया है कि सरकार ने लखीमपुर में घटी दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर सिर्फ शोक व्यक्त किया था और हिंसा के दौरान मौत का शिकार हुए किसानों को लेकर श्रद्धांजलि जाहिर की थी। याचिका में दावा किया गया है कि बंद का आयोजक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी,शिवसेना व कांग्रेस ने किया था। सार्वजनिक खाजने को करीब तीन हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। याचिका में मांग की गई है कि 11 अक्टूबर 2021 को बुलाए गए बंद को अवैध व असंवैधानिक घोषित किया जाए। वहीं मुंबई पुलिस ने भी कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि याचिका में उल्लेखित बंद के चलते सार्वजनिक खजाने को हुए नुकसान के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। इसलिए इस याचिका को खारिज कर दिया जाए।

सोमवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने याचिका सुनवाई के लिए आयी। सरकार के हलफनामें पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि हम 20 जून 2022 को इस याचिका पर सुनवाई करेंगे। खंडपीठ ने पिछले दिनों इ, याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार को जवाब देने व राजनीतिक पार्टियों को नोटिस जारी किया था।

ये भी पढ़ें 

 

पुलिसकर्मी ने बिंदी लगाने पर महिला को किया परेशान, कड़ी सजा देने की मांग    

आफत बरकरार: नवाब मलिक की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ी  

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,378फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
178,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें