मुंबई। यह शायद सूचना-प्रौद्योगिकी की क्रांति का ही आक्रांद रूप है कि जोगेश्वरी (पूर्व) के दुर्गानगर इलाका निवासी दास दंपति के 16 वर्षीय किशोर ने एक तो सबसे बड़ी भूल यह कर दी कि घरवालों की चोरी से ऑनलाइन गेम पब-जी खेलकर 10 लाख रुपए की उनकी जमापूंजी गवां दी और दूसरी यह कि इस बाबत पता चलते ही जब माँ-बाप ने डांटा, तो वह घर छोड़कर निकल भागा।
पुलिस को लगी थी किडनैपिंग: क्राइम ब्रांच पुलिस इस किशोर को पकड़ने में कामयाब रही है। उसके मां-बाप ने 25 अगस्त को उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। एमआईडीसी पुलिस ने लड़के के नाबालिग होने के कारण इस सिलसिले में उसके अपहरण का मामला दर्ज किया था। क्राइम ब्रांच यूनिट-10 के इंचार्ज इंस्पेक्टर महेश कुमार ठाकुर के मार्गदर्शन में असिस्टेंट इंस्पेक्टर धनराज चौधरी और ‘ मुस्कान ‘ दस्ते के जगदीश धारगलकर व दिलीप माने ने संयुक्त रूप से इस किशोर की तलाश की।
घर में लिख छोड़ा था पत्र:मामले की तफ्तीश के दौरान पुलिस टीम ने सबसे पहले दास दंपति से किशोर के स्वभाव और घरवालों में उसके संबंध के बारे में विवरण हासिल किया। इस दरमियान पुलिस ने कुछ बातों पर खास गौर की। मामले की तह में जाने पर मालूम चला कि वह ‘ पब-जी ‘ खेलता था। अपनी आईडी और यूसी प्राप्त करने के लिए उसने अपनी मां के बैंक खाते से 10 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए। बैंक के जरिए इतनी धनराशि का लेन-देन होने की जानकारी पाते ही मां-बाप उस पर भड़क गए। इससे गुस्साकर उसने एक पत्र लिख कर रख छोड़ा और घर से निकल गया। पत्र में उसने लिखा था, ‘ मैं घर छोड़ कर जा रहा हूँ, अब कभी वापस नहीं आऊंगा।’
भटक रहा था महाकाली गुफा के पास: पत्र के बारे में पुलिस को पता चलते ही फौरन उसके दोस्तों से संपर्क किया गया और कुछ तकनीकी सबूतों की भी मदद ली गई। पुलिस टीम द्वारा तलाशी के दरमियान उसे अंधेरी में महाकाली गुफा के पास अकेला टहलता पाया गया। क्राइम ब्रांच पुलिस ने उसे पकड़ा, काउंसलिंग की और आगे की कार्रवाई के लिए एमआईडीसी पुलिस सुपुर्द कर दिया।