चार दिन पहले (18 जुलाई) उत्तर प्रदेश के गोंडा से 20 किलोमीटर दूर में जुलाई स्टेशन से पहले चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए, इसके बाद बड़ा हादसा हुआ। इस हादसे के दरम्यान एक व्यक्ति की मृत्यु हुई थी। इस दुर्घटना में कई लोगों के घायल होने की बात भी सामने आई थी। अभी दुर्घटना के पीछे का कारण रेलवे के संयुक्त जांच रिपोर्ट से सामने लाया गया है।
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उत्तर प्रदेश में बड़ा रेल हादसा, डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतरे!
रेलवे के संयुक्त जांच के लिए वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों की पांच सदस्यों की टीम बनाई है। संयुक्त जांच की रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे ट्रैक की मरम्मत में लापरवाही बरती गई है। इसी के साथ रेलवे पटरी को ठीक से कसे न होने को भी दुर्घटना के लिए जिम्मेदार माना गया है। संयुक्त जांच रिपोर्ट का कहना है कि इस क्षेत्र में ट्रेन को 30 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ चलना था परंतु इसकी सूचना समय पर नहीं दी गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे के पहले ट्रेन 86 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से निकल चुकी थी, साथी में पटरी के 3 मीटर तक फैल जाने के कारण गाड़ी के पावर जनरेटर कार का पहिया पटरी से उतर गया। जिससे लोको पायलट को झटका लगते ही उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाया, पर ट्रेन की गति तेज होने के कारण ट्रेन 400 मीटर तक दूर जाकर रुकी तब तक ट्रेन के 19 बोगियां पटरी से उतर चुकी थी। संयुक्त राज्य रिपोर्ट का मानना है इस हादसे में लोको पायलट को सतर्क होने तक का समय नहीं मिला।
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