मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर कांग्रेस की आशाओं पर पानी फेर दिया है। पार्टी आगामी मानसून अधिवेशन में विधानसभा अध्यक्ष पद पर अपने किसी नेता को बैठाना चाहती है पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि कोरोना के चलते फिलहाल विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराना संभव नहीं है। योग्य समय पर चुनाव कराया जाएगा। फिलहाल विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल को अध्यक्ष पद का प्रभार सौंपा गया है। पिछले दिनों राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर विधानसभा चुनाव कराए जाने को कहा था। राज्यपाल के पत्र के जवाब में मुख्यमंत्री द्वारा 1 जुलाई को लिखे पत्र में स्पष्ट संकेत हैं कि 5 जुलाई से शुरू हो रहे दो दिनों के सत्र में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव करना संभव नहीं होगा।
पत्र में कहा गया है कि संविधान में विधानसभा अध्यक्ष चुनाव को लेकर कोई समय सीमा तय नहीं कि गई है। इससे किसी भी तरह संविधान का उलंघन नहीं होता है। चुनाव के लिए सभी विधायकों का सदन में उपस्थित रहना जरूरी होता है पर कोरोना संकट के चलते ऐसा करना सही नहीं होगा। सरकार की भी इच्छा है कि यह चुनाव जल्द से जल्द हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 जिला परिषदों के उपचुनाव टालने के लिए हमने राज्य चुनाव आयोग से निवेदन किया है। हमे उनके सकारात्मक जवाब का इंतजार है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई है। गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के नाना पटोले ने 5 फरवरी 2021 को विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस इस अधिवेशन में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराने के लिए महा विकास आघाडी के घटक दलों शिवसेना और एनसीपी पर दबाव डाल रही है। पर सीएम के पत्र ने एक बार फिर साबित किया है कि शिवसेना कांग्रेस को कोई तवज्जो देने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि उसे पता है कि भाजपा को सत्ता से दूर रखने के मंशा के लिए कांग्रेस कोई भी अपमान सहने को तैयार है।