स्थानीय मजिस्ट्रेट अदालत ने मरीन ड्राइव थाने में दर्ज रंगदारी के एक मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ बुधवार को गैरजमानती वारंट जारी किया। सिंह के खिलाफ यह तीसरा गैरजमानती वारंट है। इससे पहले भी अदालतों ने मुंबई के गोरेगांव और पड़ोसी ठाणे जिले में दर्ज रंगदारी के दो अन्य मामलों में गैरजमानती वारंट जारी किए हैं। रियल एस्टेट बिल्डर श्यामसुन्दर अग्रवाल की 22 जुलाई, 2021 की शिकायत के आधार पर मरीन ड्राइव थाने में सिंह और सात अन्य के खिलाफ रंगदारी का मामला दर्ज किया गया था।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आर. एम. नेरलिकर ने बुधवार को इसी संबंध में सिंह के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया। मामले की जांच की रही महाराष्ट्र अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने पहले भी भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ गैरजमानती वारंट की मांग की थी। विशेष लोक अभियोजक शेखर जगताप ने पहले अदालत से कहा था कि सिंह ने मुंबई पुलिस की ‘खराब छवि’ बनायी है। जगताप ने कहा, ‘‘लंबे समय से परमबीर सिंह के इस खराब तौर-तरीके ने मुंबई पुलिस और अन्य की खराब छवि बनायी है।’’ प्राथमिकी में परमबीर सिंह और सात अन्य का नाम है। इसमें पांच पुलिस अधिकारी हैं। दो आरोपी पुलिस अधिकारियों निरीक्षक नंदकुमार गोपाले और आशा कोर्के को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। दोनों को मंगलवार को सात दिन के लिए सीआईडी की हिरासत में भेज दिया गया।