उत्तरप्रदेश सरकार ने राज्य के करीब 2.5 लाख कर्मचारियों का वेतन रोकने की चेतावनी दी है। राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन संपत्ति का विवरण देने के आदेश की तारीख निकलने के बाद अब जिन कर्मचारियों ने विवरण नहीं दिया उनका वेतन रोके जाने की बात चल रही है। साथ ही जो कर्मचारी अपनी संपत्ति का विवरण नहीं देंगे उनका प्रमोशन रोकने की बात भी राज्य के मुख्य सचिव ने की है।
दरसल उत्तरप्रदेश सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को अपनी सभी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन संपदा पोर्टल पर देने का निर्णय लिया था। आईएएस, आईपीएस, पीपीएस, पीसीएस अफसरों की तरह राज्य कर्मचारियों को भी ऑनलाइन संपत्तियों का विवरण देना अनिवार्य किया गया है। इनमें शिक्षकों, निगम कर्मचारी, स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारियों को इसमें शामिल नहीं किया गया।
इस निर्णय के बाद पिछले एक साल में 3 बार संपत्ति विवरण की आखरी तारीख को बढ़ाया भी गया था। हालांकि बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों ने फिर भी इसे दुर्लक्षित किया। आखिरकार उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने 31 अगस्त की नै डेडलाइन देते हुए सभी कर्मचारियों को संपत्ति विवरण देने के आदेश दिए और ऐसा करने में जो असफल होंगे उनका वेतन अगस्त के महीने से रोका जाेएगा ऐसी चेतावनी भी दी गई। रिपोर्ट के अनुसार मात्र 71 फीसदी कर्मचारियों ने ही अपनी चल और अचल संपत्ति की जानकारी अपलोड की है।
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2,44,565 राज्य कर्मचारियों की संपत्ति का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड नहीं हुआ है, जिस वजह से उत्तर प्रदेश में अपनी संपत्ति का ऑनलाइन विवरण न देने वाले करीब2.5 लाख कर्मचारियों का वेतन रुकने का डर है। प्रदेश सरकार की विभिन्न विभागों की रिपोर्ट के अनुसार वे इन सभी कर्मचारियों का वेतन रोकने के लिए तैयार है।