उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते आई फ्लैश फ्लड की चपेट में आकर महाराष्ट्र के 151 पर्यटक फंस गए हैं। इनमें से 120 को सुरक्षित ढंग से इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) के शिविर में पहुंचाया गया है, लेकिन 31 पर्यटक अब भी लापता हैं, जिनमें से 12 केवल मुंबई के उपनगरीय इलाकों से हैं।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आई प्राकृतिक आपदा के बाद महाराष्ट्र के जिन 31 पर्यटकों का अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है, वे राज्य के विभिन्न हिस्सों से ताल्लुक रखते हैं। इनमें ठाणे से 5, सोलापुर से 4, अहिल्यानगर से 1, नासिक से 4, मालेगांव से 3, चारकोप-कांदिवली से 6, मुंबई के उपनगरीय इलाकों से 6 और टिटवाला से 2 पर्यटक शामिल हैं। प्रशासन का मानना है कि खराब मौसम, संचार नेटवर्क का बाधित होना और कई मोबाइल की बैटरी डाउन होने की वजह से इन पर्यटकों से संपर्क स्थापित नहीं हो पा रहा है।
PTI के अनुसार, लापता व्यक्तियों की खोज में खराब मौसम और संचार तंत्र के ध्वस्त हो जाने से काफी कठिनाइयाँ आ रही हैं। नेटवर्क बाधित होने के साथ-साथ कई लोगों के मोबाइल की बैटरी भी खत्म हो चुकी है, जिससे संपर्क असंभव हो गया है।
महाराष्ट्र के मुख्य सचिव राजेश कुमार ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्धन से बातचीत कर राहत कार्यों में तेजी लाने की मांग की है। उत्तराखंड प्रशासन ने बताया कि मोटे बादलों के कारण हवाई निगरानी मुश्किल हो रही है और मोबाइल नेटवर्क लगभग ठप हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अब सेटेलाइट फोन सक्रिय किए गए हैं, ताकि बुनियादी संपर्क दोबारा स्थापित किया जा सके। बचाव टीमें अब उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर लापता लोगों की अंतिम लोकेशन ट्रैक करने की कोशिश कर रही हैं। यदि मौसम ने अनुमति दी, तो हवाई बचाव अभियान (एयरलिफ्ट) भी शुरू किया जा सकता है।
महाराष्ट्र के आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन खुद देहरादून पहुंच चुके हैं, जहां वे राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। मुंबई स्थित राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष लगातार उत्तराखंड प्रशासन, नेशनल इमरजेंसी रिस्पॉन्स सेंटर और उत्तरकाशी के ज़िला प्रशासन से संपर्क में है। प्रयास है कि लापता लोगों को जल्द से जल्द ट्रेस किया जाए और उनके परिवारों को नियमित अपडेट दिए जाएं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस स्थिति पर करीबी निगरानी रखे हुए हैं और उन्होंने निर्देश दिया है कि फंसे हुए पर्यटकों को निकालने के लिए विशेष उड़ानों या ट्रेनों की व्यवस्था की जाए, जैसे ही मौसम सुधरता है और सड़कों या हवाई मार्ग से पहुंचना संभव होता है।
उत्तरकाशी में लगातार बारिश और अस्थिर पहाड़ों की वजह से नए भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। राहत दल पहले से सुरक्षित पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं, जबकि लापता लोगों की तलाश तेज कर दी गई है। यह संकट न सिर्फ प्रशासन के लिए एक चुनौती है, बल्कि सैकड़ों परिवारों की चिंता का कारण भी बन चुका है। अगला 24–48 घंटे इस रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।
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