अमरावती के युवा विधायक रवि राणा के खिलाफ अमरावती में हत्या के प्रयास का फर्जी एफआईआर दर्ज किए जाने का मामला सोमवार को विधानसभा में गूंजा। विधायकों के आक्रोश को देखते हुए राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि इस मामले में मैंने या मुख्यमंत्री ने फोन नहीं किया था। इस मामले की जांच एडीजे (लॉ एंड ऑर्डर) से कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट की बाबत मैं विपक्ष के नेता के साथ चर्चा करूँगा।
बाद में पत्रकारों से बातचीत में रवि राणा ने कहा कि जिस समय अमरावती मनपा आयुक्त पर स्याही फेंकने की घटना हुई मै दिल्ली में था। उसके बावजूद मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के दबाव में मेरे खिलाफ धारा 307 (हत्या का प्रयास) जैसा गंभीर मामला दर्ज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि मेरे पास दिल्ली जाने का बोर्डिंग पास भी है।
जब मैं घटना के वक्त अमरावती में मौजूद ही नहीं था तो किसी की हत्या का प्रयास कैसे कर सकता हूँ । इसके पहले भाजपा के सुधीर मुनगंटीवार ने विधानसभा में कहा कि पुलिस लगातार जनप्रतिनिधियों का अपमान कर रही है। मैंने पहले भी यह मामला सदन के सामने रखा था। जनप्रतिनिधियों के अपमान को लेकर सभी विधायकों की एक कमेटी बनानी चाहिए।
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