मुंबई। ‘ असल में मुंबई है हमारी, यहां के मूल निवासी हैं हम और आज हम ही को यहां से हटाया जा रहा है ‘, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को यह फटकार लगाते हुए मत्स्य-व्यवसाय कर अपना गुजारा करने वाले कोली समाज की प्रतिनिधि एक बूढ़ी मछुआरन ने कान खिंचाई की है, ‘ आप भी यहां बाहर से आए हैं और यहां के मुख्यमंत्री बन गए, तो मालिक न समझने लगो यहां का खुद को। मातृभूमि के इन सुपुत्रों को अलग मत करो। मनोहर जोशी ने हमें हटा दिया, हम उन पर अपना रोष जता रहे हैं। आप राजनीति क्यों कर रहे हैं ? सावरकर और भगत सिंह की तरह जीओ। हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, हमारे आड़े मत आओ, वरना आप हमारे हथियारों को जानते ही हैं। मछुआरनें कमजोर नहीं होतीं, झांसी की रानी की तरह रणरागिनी हैं हम।’
ठाकरे सरकार के प्रति जनाक्रोश का सिग्नल
ठाकरे सरकार के प्रति जनाक्रोश का यह दर्द उभरा शुक्रवार 27 अगस्त को दादर में। यहां के मीनाताई ठाकरे फिश मार्केट को बुलडोजर लगाकर जमींदोज कर दिए जाने से बुरी तरह नाराज मछुआरों ने भाजपा के मछुआरा प्रकोष्ठ के बैनर तले उग्र आंदोलन किया। इसी आंदोलन में उक्त बूढ़ी मछुआरन ने अपनी बुलंद आवाज में सीएम को यह फटकार लगाते हुए राज्य सरकार के प्रति जनाक्रोश का सिग्नल दिया।
उजाड़ी जमी-जमाई ग्राहकी
उल्लेखनीय है कि दादर के इस फिश मार्केट को जमींदोज कर दिए जाने से यहां जीविकोपार्जन करने वाले कोली समाज के भाई-बहनों पर भुखमरी की तलवार लटक आई है, उन्हें अब यहां की जमी-जमाई ग्राहकी उजाड़ कर नवी मुंबई स्थानांतरित किया जा रहा है। इससे इनमें भारी रोष है। आम जनजीवन से जुड़े इस गंभीर मसले पर हुए इस आंदोलन में भाजपा के जननेता एवं विधायक अतुल भातखलकर भी शामिल हुए।