क्या इस साल भी नहीं मनेगा दही हांडी उत्सव, जानें क्यों मनाते हैं यह उत्सव

उद्धव ठाकरे ने आज वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये दही हांड़ी समितियों के साथ बैठक कर लेंगे फैसला

क्या इस साल भी नहीं मनेगा दही हांडी उत्सव, जानें क्यों मनाते हैं यह उत्सव

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मुंबई। महाराष्ट्र में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर दही हांडी उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। लेकिन पिछले साल कोरोना की वजह से दही हांडी का आयोजन नहीं हो सका। इस बार कोरोना केसों में काफी कमी देखी जा रही है, ऐसे में दही हांडी समितियों ने सीएम उद्धव ठाकरे से इस उत्सव को धूमधाम से मनाये जाने की अनुमति मांगी है। वहीं, सीएम उद्धव ठाकरे ने आज यानी सोमवार को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये दही हांड़ी समितियों के साथ बैठक कर फैसला ले सकते हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुंबई के दही हांडी मंडलों के साथ एक मीटिंग बुलाई है।

Maharashtra CM Uddhav Thackeray to hold a key meeting with Dahi Handi Coordination Committee in Mumbai today via video conferencing. Various “Dahi Handi mandals” had requested the state govt to allow them to celebrate Dahi Handi while keeping it small scale.
-ANI,@ANI
दही हांडी समितियों ने बीते दिनों सीएम से अपील की थी कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए छोटे स्तर पर समारोह आयोजित करने की इजाजत दी जाए। आज होने वाली मीटिंग में इसी बात पर आखिरी निर्णय लिया जाएगा। महाराष्ट्र और गुजरात में जन्माष्टमी के खास पर्व पर दही हांडी की प्रथा के साथ यह पर्व को मनाया जाता है। इसके लिए वहां के युवा और बच्‍चे कई दिन पहले से ही इसका अभ्‍यास शुरु कर देते हैं।
जमीन से 20-30 फुट ऊंचाई पर लटकी मिट्टी की मटकी को तोड़ने के लिए ये युवा एक पिरामिड बनाते हैं और मटकी को तोड़ते हैं। भगवान श्रीकृष्ण से माखन को छुपाने के लिए वृन्दावन में महिलाओं ने मथे हुए माखन की मटकी को ऊंचाई पर लटकाना शुरु कर दिया था। जिससे भगवान श्रीकृष्ण और उनके दोस्‍त माखन चुरा न सके लेकिन नटखट कान्‍हा कहां किसी से हार मानने वाले थे। माखन चुराने के लिए श्रीकृष्ण अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक पिरामिड बनाते और ऊंचाई पर लटकी मटकी से दही और माखन को चुरा लेते थे। इसी से प्रेरित होकर जन्‍माष्‍टमी के अवसर पर दही हांडी का चलन शुरु हो गया।

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