मुंबई। पुणे महापालिका के अस्पतालों में रिक्त बेड के दावे की जांच के लिए हाईकोर्ट के जज के निर्देश पर फोन करने पर जानकारी देने वाली महिला को निलंबित कर दिया गया है। गुरुवार को हाईकोर्ट को जब यह बताया गया तो खंडपीठ ने कहा कि यह गलत बात है। महिला को तुरंत सेवा में लिया जाए। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि पिछले दिनों कोर्ट में सुनवाई के दौरान बेड की स्थिति की जानकारी देने के लिए जिस महिला ने फोन उठाया था। उसे पुणे महानगर पालिका ने निलंबित कर दिया है। पुणे मनपा के दावे के विपरीत महिला ने बताया था कि अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए कोई बेड खाली नहीं है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि महिला की सेवा बहाली की जाए। हम नहीं चाहते कि हमारे हस्तक्षेप के चलते कोई परेशान हो। इस पर पुणे मनपा के वकील ने कहा कि महिला को प्रशिक्षण के लिए 10 से 15 दिन के लिए निलंबित किया गया है। लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उसे अनावश्यक रूप से दंडित न किया जाए।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार व महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड़ को कहा कि वह श्मशान घाट से निकलने वाले धूए के चलते होने वाले वायु प्रदूषण की जांच करे। क्योंकि कोरोना के चलते लोगों की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है और श्मशान घाट में ज्यादा संख्या में शव पहुंच रहे है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में दावा किया गया है कि श्मशान घाट से निकलने वाले धुंए के चलते वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। खंडपीठ ने कहा की हम अभी भी शव दहन के लिए परंपरागत तरीके का इस्तेमाल कर रहे है। हम चाहते है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड धुंए को रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करें। इस मामले के समाधान के लिए वैज्ञानिक तरीके का इस्तेमाल किया जाए। वहीं बोर्ड़ की ओर से पैरवी कर रही अधिवक्ता शर्मीला देशमुख ने कहा कि बोर्ड के चेयरमैन इस मामले में तकनीकी विशेषज्ञ की मदद लेंगे। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।