डॉ. अनंत श्रीमाली बहुत याद आये,खूब याद आये

दिवंगत साहित्यकार को याद कर नम हो गई साहित्यकारों पत्रकारों की आंखें

डॉ. अनंत श्रीमाली बहुत याद आये,खूब याद आये

यह एक ऐसा आयोजन था जिसमें सभागार के बाहर भीड़ खड़ी थी।यह भी कि पुष्पांजलि अर्पित करते और अपने विचार व्यक्त करते शब्द अटक रहे थे और वक्ता सिर्फ हाथ जोड़कर अपनी कुर्सी पर बैठ रहे थे।सभागार में सिर्फ और सिर्फ यादें टहल रही थीं।

बेहतरीन मित्र,शानदार व्यंग्यकार और कुशल मंच संचालक डॉ अनंत श्रीमाली के 5 अगस्त को हुए असमय निधन पर वरिष्ठ रचनाकार अरविंद राही व उनकी संस्था श्रुति सम्वाद साहित्य कला अकादमी की अगुवाई में दो दर्जन से ज्यादा संस्थानों ने मिलकर इस हरदिल अजीज लेखक को शिद्दत से याद किया।इस मौके पर प्रख्यात गायक सुधाकर स्नेह व सुरेश शुक्ला के भावपूर्ण भजनों ने अलग ही  माहौल रच दिया।

बेहद भावुक इस आयोजन में एचपीसीएल के चेयरमैन डॉ पुष्प कुमार जोशी, आसकरण अटल, हरीश पाठक, सुनीलपाल, सुमिताकेशवा, अनिलगलगली, रासबिहारी पांडेय, मीनू मदान, सुमन सारस्वत, पत्रकार विजय सिंह कौशिक, राजेश्वर उनियाल, शेखर अस्तित्व, अमर त्रिपाठी, सुनील सावरा, दिनेश बाबरा, प्रकाश पपलू , वसंत आर्य आदि ने डॉ अनन्त श्रीमाली से जुड़ी यादें साझा की।

खचाखच भरे सांताक्रुज पूर्व के डॉ जाकिर हुसैन सभागार में मुम्बई की हर धारा के लेखक उपस्थित थे जिसमें शामिल थे-प्रेम जनमेजय, अशोक बिंदल, राम गोविंद, सुभाष काबरा, अभिलाष अवस्थी, ऋचा शरद, प्रमिला शर्मा, ओमप्रकाश तिवारी, मुकेश गौतम, किशोर आयलानी, अभिजीत राणे, शिवजी सिंह, वागीश सारस्वत, प्रो.हूबनाथ, डा.दयानंद तिवारी आदि।डॉ अनंत श्रीमाली के परिजन व कई रिश्तेदार इस मौके पर विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अरविंद राही ने किया।

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