प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा जारी घोषणा पत्र को स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान मुस्लिम लीग की सोच के समान बताया। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस, जो स्वतंत्रता आंदोलन के चरम पर थी, कुछ दशक पहले समाप्त हो गई। कई महानुभाव कांग्रेस से जुड़े थे। महात्मा गांधी का नाम कांग्रेस से जुड़ा था|उन्होंने आलोचना करते हुए कहा कि शेष कांग्रेस के पास न तो देश हित की नीतियां हैं और न ही देश के विकास के लिए कोई दृष्टिकोण है|
मोदी ने आगे कहा, ‘कल जिस तरह का घोषणापत्र जारी हुआ, उससे साबित होता है कि आज की कांग्रेस देश की आशाओं-आकांक्षाओं से पूरी तरह कट चुकी है|’उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है| मोदी ने कहा कि विपक्ष का ‘भारत’ मोर्चा अस्थिरता और अनिश्चितता का दूसरा नाम बन गया है, इसलिए देश उनकी किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लेता।
कांग्रेस ने पीएम मोदी की इस आलोचना पर पलटवार किया कि उन्हें इतिहास का कोई ज्ञान नहीं है और उन्होंने प्रधानमंत्री पर विभाजन की राजनीति करने का आरोप लगाया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ”प्रधानमंत्री को अपना इतिहास नहीं पता|बंगाल में मुस्लिम लीग के साथ संयुक्त सरकार बनाने वाले कोई और नहीं तो जनसंघ अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी ही थे।
आजादी से पहले हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग ने बंगाल और उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत में एक संयुक्त सरकार बनाई थी। साथ ही श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भाजपा की पूर्व पार्टी जनसंघ की स्थापना भी की थी|
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