राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलम 14 मई को ईडी कार्यालय पहुंचे थे। उनसे नौ घंटे पूछताछ हुई थी। आलम ने दफ्तर पहुंचने से पहले पत्रकारों से बात की थी। उन्होंने कहा था कि मैं कानून का पालन करता हूं। मैं पूछताछ के लिए यहां आया हूं। 36 करोड़ के नकदी बरामदी को लेकर ईडी ने झारखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया है, जहां उनसे पूछताछ के लिए 6 दिन की हिरासत में भेज दिया है|
बता दें कि प्रर्वतन निदेशालय ने गत दिनों पहले आलम के सचिव संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम, बिल्डर मुन्ना सिंह और उनके सहयोगियों सहित उनके नौ अड्डों पर छापेमारी की थी। कार्रवाई राज्य ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं के मामले में की गई थी। ईडी को इस छापेमारी में फ़्लैट से 32 करोड़ रुपये बरामद किए। इस तरह अब तक करीब 36 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गयी|
ईडी के इस छापेमारी में जमीन जायदाद के दस्तावेज भी बरामद किए हैं। ईडी ने आलम के सचिव और नौकर को छापेमारी के अगल दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। ईडी ने बताया था कि झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के सचिव ने कुछ प्रभावशाली लोगों की ओर से टेंडरों पर कमीशन इक्ट्ठा किया था। उन्होंने दावा किया कि ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी ऊपर से नीचे तक अवैध नकद भुगतान की संलिप्तता में कथित रूप में शामिल थे।
प्रर्वतन निदेशालय ने आगे बताया कि निविदाओं और इंजीनियरों से कमीशन की वसूली के बाद कमीशन का कुछ प्रतिशत सरकार के उच्च अधिकारियों को बांटा जाता था। मामले में कई बड़े नौकरशाहों और राजनेताओं के नाम सामने आए हैं। इसकी जांच की जा रही है।
प्रर्वतन निदेशालय ने तमाम दलील देते हुए दोनों आरोपियों की हिरासत मांगी, जिसे न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा की अदालत ने स्वीकार की और दोनों छह दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया था। प्रर्वतन निदेशालय ने दावा किया कि लाल और आलम ने अवैध धन को विभिन्न स्थानों पर छिपाया था। आलम के नाम पर पंजीकृत दो वाहन भी परिसर में पाए गए, जहां छापामारी की गई थी।
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