दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है|अरविंद केजरीवाल को दिल्ली सरकार की कथित शराब नीति घोटाले के सिलसिले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है और फिलहाल वह तिहाड़ जेल में हैं। कोर्ट ने उसे 14 दिन की हिरासत की सजा सुनाई है|इसी तरह दिल्ली हाई कोर्ट में भी केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई थी| इस याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है|
हाई कोर्ट ने कथित शराब नीति घोटाले में ईडी की हिरासत में चल रहे केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने इस याचिका पर भी विचार करने से इनकार कर दिया| कोर्ट में याचिका पर बहस करते हुए जज ने कहा, कभी-कभी व्यक्तिगत हित को राष्ट्रीय हित से पहले आना चाहिए|
हिंदू सेना नामक संगठन के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने याचिका दायर कर केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की थी| गुप्ता ने कहा, केजरीवाल ने दिल्ली की शराब नीति में घोटाला किया है, पैसे का दुरुपयोग किया है और फिलहाल जेल में हैं, इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। कोर्ट को उन्हें इस पद से हटाने का निर्देश देना चाहिए|
कार्यवाहक न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने कहा है कि केजरीवाल को यह तय करना होगा कि वह मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं या नहीं। पीठ ने एक सांकेतिक बयान भी दिया है| जज ने कहा, कभी-कभी व्यक्तिगत हित को राष्ट्रीय हित से पहले आना पड़ता है|
लेकिन, ये उनका (केजरीवाल) निजी फैसला है| हम इस मामले में कोई फैसला नहीं ले सकते|’ दिल्ली के उपराज्यपाल या भारत के राष्ट्रपति इस संबंध में निर्णय ले सकते हैं| इसके बाद याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने कहा, मैं अपनी याचिका वापस ले रहा हूं| मैं अब इस मामले में उपराज्यपाल से संपर्क करूंगा।
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