हाईकोर्ट का फटकार: सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ साजिश भी देशद्रोह!

हाईकोर्ट का फटकार: सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ साजिश भी देशद्रोह!

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राजनीतिक क्षेत्र में बेबुनियाद आरोप लगाना आसान है​|​अकारण आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल सकता है।लेकिन अदालत की सीढ़ियाँ चढ़ने के बाद सीमा का कोई पुल नहीं लांघना पड़ता और बिना ठोस सबूत के दी गई दलीलें टिकती नहीं हैं। दिल्ली हाई कोर्ट में दायर मानहानि मामले में कोर्ट की टिप्पणी सभी राजनीतिक दलों और उनके निहित स्वार्थों के लिए खतरे की घंटी है|क्या है मामला, हाई कोर्ट ने क्या टिप्पणी की?

क्या है मामला: ओडिशा बीजू जनता दल के सांसद पिनाकी मिश्रा ने दिल्ली हाई कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है|वह पुरी लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। कोर्ट ने मामले में वकील जय अनंत देहाद्रोई को तलब किया है| इस बीच कोर्ट ने एक खास टिप्पणी की है|”देश के सर्वोच्च पद के ख़िलाफ़ षडयंत्र देशद्रोह है। यह राय जस्टिस जसमीत सिंह ने दर्ज की है|वकील देहाद्राई ने याचिका में भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाए|मिश्रा ने उन पर पुरी के दलाल उदियाबाबू जैसी अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है|

दो कदम पीछे हटे वकील देहाद्राई: हाईकोर्ट में यह मामला आने के बाद अब कील जय अनंत देहाद्राई दो कदम पीछे हट गये हैं| कोर्ट ने साफ किया कि इस मामले में देहाद्रोई की जांच सीबीआई कर रही है| अदालत ने कहा कि देहद्रोई ने आश्वासन दिया था कि वह यह आरोप नहीं लगाएंगे कि मिश्रा प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश रचने में शामिल थे। बड़े मंच से देहाद्रोई ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वह बैठक से मिश्रा पर कोई मनमाना आरोप नहीं लगाएंगे| उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस मामले में उनके खिलाफ कोई आदेश न दिया जाए|

हमारे पास हैं पुख्ता सबूत: वकील देहादराय ने कोर्ट में बहस करते हुए कहा कि उनके पास पिनाकी मिश्रा के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं|उन्होंने दावा किया कि ये सबूत उन्होंने सीबीआई के सामने पेश किए हैं|मिश्रा ने प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश रची है|इस संबंध में 140 पन्नों के साक्ष्य हैं| इस सबूत को इकट्ठा करने के लिए मैंने अपनी जान जोखिम में डाल दी है।

देहाद्राई ने तर्क दिया, “मैं अदालत में खुलकर कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन मेरे वकील न्यायाधीश के सामने सबूत पेश करेंगे, जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह सिर्फ एक आरोप नहीं था|देहाद्राई के वकील राघव अवस्थी ने कोर्ट को बताया कि तृणमूल कांग्रेस नेता और सांसद महुआ मोइत्रा और दर्शन हीरानंदानी के बीच गहरी दोस्ती थी| मामले में अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी|

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