“शरद पवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले संजय राउत के ​’​सिल्वर ओक​’​ जाने की क्या है वजह ?​

नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने मांग की कि शरद पवार को अध्यक्ष बनाया जाए। उसमें अजित पवार को छोड़कर शरद पवार ने स्टैंड लिया था कि उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए​|​ ​

“शरद पवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले संजय राउत के ​’​सिल्वर ओक​’​ जाने की क्या है वजह ?​

"What is the reason behind Sanjay Raut going to 'Silver Oak' before Sharad Pawar's press conference?​

गत​ दिनों को शरद पवार ने स्टैंड लिया कि वह एनसीपी के पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उसके बाद राज्य सहित पूरे देश में उत्साह का माहौल हो गया। नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने मांग की कि शरद पवार को अध्यक्ष बनाया जाए। उसमें अजित पवार को छोड़कर शरद पवार ने स्टैंड लिया था कि उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए|​ ​
 
​जहां अजित पवार ने शरद पवार की उम्र और उनके पार्टी अध्यक्ष बनने पर क्या दिक्कत होगी, इस पर सवाल उठाया, वहीं अजित पवार ने इस बात पर जोर दिया कि शरद पवार का फैसला कितना सही था|हालांकि इसके खिलाफ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने शरद पवार को अध्यक्ष बनाने का स्टैंड लेकर आंदोलन शुरू कर दिया था|
​अन्य दलों के कई नेताओं ने भी इस पर टिप्पणी की थी कि शरद पवार को अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए|शरद पवार को 2024 के चुनाव तक पार्टी का नेतृत्व करने की राय व्यक्त करते हुए संजय राउत ने यह भी कहा कि देश को शरद पवार की जरूरत है| उन्होंने राय व्यक्त की कि केवल शरद पवार ही विपक्षी दल की ताकत का निर्माण कर सकते हैं|
देश के अन्य पार्टी नेताओं की तरह, शरद पवार द्वारा लिया गया पद पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को स्वीकार्य नहीं है। कई नेताओं को शरद पवार को इस्तीफा नहीं देना चाहिए। सांसद संजय राउत ने सभी की भावनाओं का आदर करने की राय व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष का पद नहीं छोड़ना चाहिए। इसी बैकग्राउंड में संजय राउत शरद पवार से मिलने गए हैं| दरअसल शरद पवार 5.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं| इसमें शरद पवार अध्यक्ष पद को लेकर अपना पक्ष रखेंगे। शरद पवार की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष चयन समिति की बैठक के बाद होगी|
इसी पृष्ठभूमि में ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत शरद पवार के आवास पर गए हैं|​​ संजय राउत की राय को देखते हुए संजय राउत शरद पवार को अध्यक्ष बनाए रखने पर जोर दे सकते हैं|​​ इसी पृष्ठभूमि में संभावना है कि महाविकास अघाड़ी के भविष्य के पाठ्यक्रम पर भी चर्चा की जाएगी और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस संबंध में आधिकारिक सूचना क्या दी जाती है।
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