एकनाथ शिंदे और फडणवीस सरकार के हाथ लगते ही यह तय हो गया कि मेट्रो कार शेड आरे में होगा| इसलिए आरे में प्रस्तावित मेट्रो कार शेड को वहां होने से रोकने के लिए आंदोलन किया गया। हालांकि, रविवार 10 जुलाई को हुए आंदोलन के चलते इस मुद्दे ने एक अलग मोड़ ले लिया है|
राज्य के पूर्व पर्यावरण मंत्री और युवा विंग के नेता आदित्य ठाकरे की समस्या आंदोलन में बच्चों के इस्तेमाल से बढ़ गई है| सहयाद्री अधिकार मंच ने आदित्य ठाकरे के खिलाफ राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
आरे में मेट्रो कार शेड को रद्द करने के लिए कल कुछ संगठनों द्वारा आंदोलन शुरू किया गया था। राज्य के पूर्व मंत्री और युवा विंग के नेता आदित्य ठाकरे भी आंदोलन में शामिल हुए थे। आदित्य ठाकरे ने अपने ट्विटर पर इस मूवमेंट की तस्वीरें पोस्ट की हैं। आदित्य ठाकरे द्वारा ट्वीट किए गए फोटो में दिख रहा है कि कुछ बच्चे गले में आरी लगाकर आंदोलन में शामिल थे।
Aarey is a unique forest within our city. Uddhav Thackeray ji declared 808 acres of Aarey as Forest and the car shed must move out. Our human greed and lack of compassion cannot be allowed to destroy biodiversity in our city. pic.twitter.com/YNbS0ryd8d
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) July 10, 2022
सहयाद्री अधिकार मंच ने राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग (एनसीसीआर) में शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया है कि बच्चों का इस तरह से राजनीतिक आंदोलनों में भाग लेना मानवाधिकारों का उल्लंघन है। फोरम के संयोजक तन्मय और कानून विभाग के प्रमुख धृतिमान जोशी ने कहा कि सहयाद्री अधिकार मंच ने भी मांग की है कि किशोर न्याय (बच्चों का संरक्षण और संरक्षण) अधिनियम 2000 का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी ने मांग की है कि इस संबंध में मामला दर्ज किया जाए।
सहयाद्री अधिकार मंच ने राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग के साथ मिलकर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मुंबई पुलिस आयुक्त और चुनाव आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई है। इसलिए अब सबकी निगाहें इस बहस में राज्यपाल और नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री की भूमिका पर होंगी|
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