पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा को एक दुष्कर्म मामले में अदालत ने भगोड़ा (प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर) घोषित कर दिया है। शनिवार (20 दिसंबर) को आदेश पारित करते हुए अदालत ने पाया कि विधायक बार-बार समन और नोटिस जारी होने के बावजूद जांच एजेंसियों के सामने पेश नहीं हुए। अदालत ने इसके साथ ही संबंधित अधिकारियों को उनके चल-अचल संपत्तियों का विवरण जुटाने के भी निर्देश दिए हैं।
हरमीत सिंह पठानमाजरा पटियाला जिले की सनौर विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक हैं। उनके खिलाफ 1 सितंबर को जीरकपुर की एक महिला की शिकायत के आधार पर दुष्कर्म, धोखाधड़ी और आपराधिक धमकी के आरोपों में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद से वह जांच में शामिल नहीं हुए। पुलिस के अनुसार, उन्हें सहयोग के लिए कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन विधायक लगातार अनुपस्थित रहे। इससे पहले उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया जा चुका था।
डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (सिटी-1) सतनाम सिंह ने कहा कि विधायक अभी भी फरार हैं। उन्होंने बताया, “अदालत ने उन्हें प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित कर दिया है। उनकी तलाश जारी है और कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।” पुलिस के मुताबिक, 2 सितंबर को पटियाला पुलिस की एक टीम हरियाणा के करनाल में उनके एक रिश्तेदार के घर पहुंची थी, जहां से विधायक गिरफ्तारी से कुछ ही क्षण पहले फरार हो गए। पुलिस का दावा है कि वह टीम को चकमा देकर निकलने में सफल रहे।
इस घटनाक्रम के अगले ही दिन पंजाब सरकार ने विधायक की तलाश और गिरफ्तारी के लिए मामला पंजाब एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) को सौंप दिया। इसके बाद कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी की गई, लेकिन अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
दिलचस्प बात यह है कि फरार होने के बावजूद विधायक सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे हैं और वहां पंजाब सरकार की आलोचना करते हुए वीडियो और संदेश साझा कर रहे हैं। कुछ सूत्रों ने दावा किया है कि वह देश से बाहर जा सकते हैं, हालांकि किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
निजी मीडिया चैनलों को दिए गए ऑनलाइन इंटरव्यू में हरमीत सिंह पठानमाजरा ने दावा किया कि वह दिल्ली की AAP लॉबी के खिलाफ खड़े होने के कारण फर्जी एनकाउंटर का डर महसूस कर रहे थे, इसलिए भागे। पुलिस का कहना है कि उन्होंने फायरिंग कर भागने की कोशिश की, जबकि विधायक ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ पुलिस को चतुराई से चकमा दिया और कोई गोली नहीं चली।
विधायक ने यह भी कहा है कि उनके पास अपनी बेगुनाही साबित करने के सबूत हैं, जिन्हें वह उचित समय पर अदालत में पेश करेंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, वह गिरफ्तारी से बचने के लिए सड़क मार्ग से नेपाल गए और वहां से ऑस्ट्रेलिया चले गए। एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वह पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद ही भारत लौटेंगे।
फिलहाल, अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद इस मामले में कानूनी शिकंजा और कड़ा हो गया है। पुलिस और जांच एजेंसियां विधायक की गिरफ्तारी के प्रयास तेज करने की बात कह रही हैं, जबकि मामला राज्य की राजनीति में भी लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है।
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