मुंबई। शिवसेना प्रवक्ता व सांसद संजय राऊत ने पश्चिम बंगाल में शुरू राजनीतिक हिंसा रोके जाने की मांग की है। हालांकि इस दौरान राऊत भाजपा द्वेष की अपनी भावना छुपा नहीं सके और बंगाल की हिंसा को पूरे देश से जोड़ने की कोशिश की मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा को रोकने की जिम्मेदारी सत्ताधारी दल की है। राऊत ने कहा कि बंगाल में राजनीतिक रक्तपात का इतिहास रहा है। उन्होंने ममता बनर्जी का बचाव करते हुए कहा कि ताली एक हाथ से नहीं बजती।
संजय राउत ने कहा कि चुनाव के बाद बंगाल में हिंसा भड़कना अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा कोई नई बात नहीं है। इसका एक लंबा इतिहास रहा है। हिंसा करने वाले बंगाल के हैं या बंगाल के बाहर के, इसकी जांच करनी होगी। स्वाभाविक है कि इस हिंसा को रोकने की जिम्मेदारी ममता बनर्जी की है. लेकिन यह भी बात सही है कि ताली एक हाथ से नहीं बजती। शिवसेना सांसद ने कहा कि बंगाल का इतिहास रक्तरंजित रहा है, यह सच है। लेकिन सबको देश की परिस्थिति देखनी चाहिए। कोरोना की परिस्थिति को देख कर काम करना चाहिए। यह एक-दूसरे को धमकी देने का वक्त नहीं है। हिंसा को कौन भड़का रहा है, इसकी जांच होनी चाहिए।